कोरोना से लड़ने ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बनाया इन्हेलर फेफड़ों पर वायरस का असर कम करेगा मिलेगी राहत

कोरोना से लड़ने ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बनाया इन्हेलर फेफड़ों पर वायरस का असर कम करेगा मिलेगी राहत

 लंदन । ब्रिटेन की साउथैम्प्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा इन्हेलर तैयार किया है, जो कोरोना मरीजों को वायरस से लड़ने में मदद करेगा। बताया जा रहा है कि इस इन्हेलर में खास तरह का प्रोटीन है, जो वायरस से लड़ता है और कोरोना के मरीजों को राहत पहुंचाता है। शोधकर्ताओं ने इस इन्हेलर को तैयार किया है। उनका कहना है कि इस इन्हेलर में ऐसे ड्रग का इस्तेमाल किया गया है, जो कोरोना संक्रमण के बाद फेफड़ों पर वायरस के दुष्प्रभाव को कम करता है। इस ड्रग का कोड SNG001 बताया गया है।

इंटरफेरान बीटा प्रोटीन

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस इन्हेलर में मौजूद ड्रग में एक खास तरह की प्रोटीन है। इस प्रोटीन को इंटरफेरान बीटा कहा जाता है। शरीर में जब वायरस पहुंचता है, तब यह प्राकृतिक रूप से शरीर में ही तैयार होता है।

 120 मरीजों पर होगा ट्रायल

कोरोना के 120 मरीजों पर इसका ट्रायल शुरू किया है। मल्टीपल स्केलेरोसिस में इस तरह के इलाज का प्रयोग होता है। रिसर्च के दौरान जब हांगकांग में अन्य दवाओं के साथ इस ड्रग का प्रयोग मरीजों पर किया तो उनमें कोरोना के लक्षणों में कमी आई।

 एक दिन में एक डोज

ट्रायल के दौरान मरीजों को लक्षण दिखने के तीन दिन के अंदर इन्हेलर दिया जाएगा। एक दिन में इसकी एक डोज दी जाएगी और उनके शरीर में ऑक्सीज़न के स्तर और उनके शरीर के तापमान पर नजर रखी जाएगी। 14 दिन तक इसका असर डॉक्टर देखेंगे।

 सफल रहा तो बड़ी कामयाबी

जब मरीज इन्हेलर से इस ड्रग को खींचते हैं तो यह फेफड़ों तक पहुंचती है और वायरस के दुष्प्रभाव को कम करती है। यह मरीजों की हालत गंभीर होने से रोकेगी। अगर ट्रायल सफल होता है तो साल के अंत तक इसके लाखों डोज तैयार किए जाएंगे।

जुलाई में सामने आएंगे परिणाम मरीजों पर इन्हेलर का ट्रायल पूरा होने 

मरीजों पर इन्हेलर का ट्रायल पूरा होने पर जो परिणाम आएंगे, उन्हें जुलाई में जारी किया जाएगा। कोरोना मरीजों को फिलहाल बेहतर इलाज की जरूरत है, जो इस बीमारी की अवधि को कम करे, लक्षणों को गंभीर होने से रोके और कम समय में मरीजों की रिकवरी हो सके। - निक फ्रेंसिस, शोधकत