सेना को पॉवर देने निर्माणियों में अब पूरी फौज करेगी काम

सेना को पॉवर देने निर्माणियों में अब पूरी फौज करेगी काम

जबलपुर । सेना के हाथियार रूपी पॉवर देने वाली निर्माणियों में मंगलवार से पूरा स्टाफ काम करेगा। लॉक डाउन में आंशिक रियायत के बाद पहले 31 प्रतिशत और फिर 50 प्रतिशत कर्मचारी काम पर आ रहे थे, लेकिन अब आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के फरमान के बाद पूरा स्टाफ काम पर लौटेगा। शहर के आर्डिनेंस फैक्टरी खमरिया, जीसीएफ, व्हीकल फैक्ट्री सहित ग्रे आयरन फाउंड्री में अब पूरा स्टाफ काम पर लौटेगा। ऐसे में मार्च के बाद से चली आ रही पेंडिंग और टारगेट को पूरा करना पहला लक्ष्य रखा गया है। सूत्रों के अनुसार सभी फैक्ट्री प्रबंधन को सोमवार की दोपहर बाद आए निदेर्शों के बाद कर्मचारियों को सूचना देने का काम देर रात तक जारी रहा। ओएफके में सेक्शन-4 और 6 में इन दिनों सबसे अधिक काम की रμतार है। दरअसल यहां एयरफोर्स के लिए बमों के निर्माण का काम किया जाता है। सूत्रों का कहना है कि इसमें सबसे ज्यादा डिमांड थाउजेंड पाउंडर बमों की है। इसके अलावा 250, 450 एमएम के अलावा एरियल बम भी भारतीय वायुसेना को सप्लाई किए जाने हैं।

कहां-कौन से प्रोजेक्ट पकड़ेंगे रफ़्तार 

जीसीएफ- गन कैरिज फैक्टरी में 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग, 155 एमएम 39 कैलीबर धनुष, एल- 70 एंटी एयरक्राμट गन, लाइट फील्ड गन, तैयार करने वाले सेक्शनों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। व्हीकल फैक्ट्री- व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में स्टेलियन, एलपीटीए, एमपीवी सहित सारंग गन की रिपेयरिंग सेक्शन में काम तेजी से शुरू होगा। इसके साथ ही सेना के टैंकों में लगने वाले यूटीडी इंजन की ओवर आॅयलिंग करने वाले सेक्शन में भी कामकाज पटरी पर लौटेगा। ओएफके-आर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में एरियल बम, 250 पाउंडर, थाउजेंड पाउंडर बम, 450 पाउंडर सहित अन्य बारुद सहित बमों के बाहरी आवरण आदि के निर्माण करने वाले सेक्शनों में काम तेजी से शुरू होगा।

कहां-कितने कर्मी पहुंचेंगे

निर्माणी कर्मचारी      संख्या

ओएफके                   55सौ

जीसीएफ                  26सौ

व्हीएफजे                  2.5 हजार

ग्रे आयरन फाउण्ड्री     05सौ