पत्रकारों ने अपनी कलम से स्वतंत्रता आंदोलन को धारदार बना दिया था

पत्रकारों ने अपनी कलम से स्वतंत्रता आंदोलन को धारदार बना दिया था

आज हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज जागरण का काम किया, जिन्होंने समाज की समस्याओं के समाधान दिए हैं। भारत के यशस्वी पत्रकारों ने अपनी कलम से स्वतंत्रता आंदोलन को धारदार बना दिया था। अनेक पत्रकारों ने छोटे-छोटे समाचार पत्र निकालकर स्वतंत्रता की अलख जगाई। भारत में ऐसे भी पत्रकार हुए हैं, जिन्होंने सामाजिक सौहार्द्र के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। ये लोग आज भी पत्रकारिता एवं पत्रकारों को प्रेरणा देते हैं। यह विचार मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में व्यक्त किए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल लालजी टंडन ने ‘शिक्षा, पत्रकारिता एवं जीवन मूल्य’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि हमें पूर्वजों से जो इतिहास धरोहर के रूप में मिला है, उसे देखना जरूरी है। महापुरुषों के संघर्ष और उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता को देखकर, उससे प्रेरित होकर रास्ता निकालने की आवश्यकता है।