टीचर की जॉब छोड़ मोबाइल लाइब्रेरी के जरिए स्लम के बच्चों को मुफ्त किताबें बांट रहे संदीप

मोहाली। असली हीरो सामने आते हैं हमेशा मुश्किल घड़ी में। ऐसे ही एक असली हीरों हैं सदीप कुमार। वो मोहाली के रहने वाले हैं। कोरोना के दौर से पहले वो टीचर थे, लेकिन अब वो जो काम कर रहे हैं, वो ऐसा नेक काम है कि सुनकर आप भी उनको सलाम किए बिना नहीं रह पाएंगे। दरअसल, वो अब चलाते हैं मोबाइल लाइब्रेरी, जिसके जरिए वो स्लम में रहने वाले बच्चो को किताबें मुहैया करवाते हैं। मीडिया के मुताबिक, संदीप कहते हैं, पहले मैं स्कूल में टीचर था। फिर मुझे इस बात का एहसास हुआ कि बच्चों के पास बेसिक चीजें ही नहीं हैं। जैसे पेंसिल, नोटबुक, किताबें तो मैंने इस तरीके से उनकी मदद करने की सोची। यहां तक कि अब तो लोग संदीप की मदद भी करना चाहते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने संदीप के इस नेक काम की सराहना भी की। संदीप कुमार को सलाम, सच में ऐसे शिक्षक भारत की तस्वीर बदल रहे हैं।
बच्चों को डिजिटल माध्यम से भी शिक्षा देने का प्रयास
ओपन आई फाउंडेशन वेबसाइट के मुताबिक, इस नए प्रोजेक्ट का नाम ‘होप ऑन वहील’ है। जिसके तहत संदीप गरीब बच्चों को पढ़ने की सामग्री मुहैया कराते हैं। स्टेट लाइजन ऑफिसर मिस्टर विक्रम राणा ने बताया कि व्हीकल के एक साइड में किताबों की लाइब्रेरी बनाई गई है और दूसरी तरफ एलईडी लगाई गई है, ताकि बच्चों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाया जा सके और इसी व्हीकल के माध्यम से आर्थिक रूप से गरीब महिलाओं को सेनेटरी पैड भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।