प्रदेश के 1करोड़ गरीब परिवार बने सरकार के लिए चुनौती

भोपाल । छतरपुर जिले के चंद्रनगर निवासी किशोरी श्रीवास कहते हैं कि कोरोना ने उनके परिवार की रोजी रोटी छीन ली है। क्षेत्र से हर दिन दो सौ लोग मेहनत मजदूरी करने जाते हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है। माह में पांच हजार रुपए तक कमाने वालों के सामने परिवार पालना कठिन हो गया है। यह तो एक उदाहरण है जबकि प्रदेश के एक करोड़ से अधिक गरीब परिवार यानि राज्य की कुल आबादी की 84 फीसदी लोगों के सामने कोरोना वायरस के चलते रोजी रोटी का संकट बन गया है। ये वे गरीब परिवार हैं जिनकी पांच हजार रुपए प्रति माह कमाई है। इनमें ज्यादातर छोटे दुकानदार, मजदूर, घरों में काम करने वाले, मनरेगा के तहत जॉबकार्ड धारी, श्रमिक और मंडियों में हम्माली करने वाले लोग हैं। दरअसल, जनगणना 2011 के अनुसार प्रदेश में कुल ग्रामीण परिवारों की संख्या 1 करोड़ 12 लाख 88 हजार 946 है। इनमें भूमिहीन परिवार 44.83 फीसदी और पांच हजार से कम मासिक आय वाले परिवारों की संख्या 83.49 प्रतिशत है। यानि कुल परिवार 94 लाख 24 हजार 603 है। वहीं शिवराज सरकार में संबल योजना के तहत श्रमिकों और मजदूरों की संख्या दो करोड़ से अधिक परिवारों की दर्ज है। जबकि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रिकार्ड के अनुसार एक करोड़ 17 लाख परिवारों को सस्ता राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। गहराया आर्थिक संकट: देशभर में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉक डाउन है। ऐसे में सरकार के सभी हितग्राहीमूलक कार्य ठप हैं। अकेले मनरेगा के अन्तर्गत पांच लाख से अधिक कार्य प्रभावित हुए हैं। रोज कमाने वाले पान ठेला, रिक्शा, आॅटोवाहन, फूल बेचने वाले, घरों में काम करने वाली मेड, सब्जी बेचने वाले, मंडियों के हम्माल, मनिहारी के साथ अन्य छोटे दुकानदार परेशान हैं। प्रदेश के बुंदेलखंड, चंबल- ग्वालियर, बघेलखंड और मालवा क्षेत्र से हर साल लाखों की संख्या में लोगों का पलायन होता है।
कलेक्टर इस तरह कर रहे मदद
दमोह कलेक्टर तरुण राठी ने महाराष्ट्र के महानुगे में फंसे 20 मजदूरों के खाते में 10-10 हजार रुपए मंगलवार को भेजे। जिले के ग्राम आनू निवासी अमन तिवारी कहते हैं कि एक-दो दिन का खाना का का इंतजाम बचा था। नोएडा में परेशान केवलारी पथरिया के दिलीप अहिरवार ने बताया कि उनके खाते में रुपए आए हैं। सीईओ जिला पंचायत फोन पर हालचाल भी जाने हैं।3
श्रमिक मेरे परिवार के सदस्य
प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की मुझे चिंता है। मजदूर और श्रमिक मेरे परिवार के सदस्य हैं, उनका दु:ख मेरा दु:ख है। सभी कलेक्टरों को निर्देश हैं कि कोई आर्थिक संकट के चलते परेशान न हो। सरकार हर जरूरतमंद की बेहतरी के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री
सरकार के प्रयासों से मिली बड़ी राहत
हर गरीब को तीन माह तक उचित मूल्य राशन मुफ्त । बाहर से आए मजदूरों, गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न। अगले 3माह की वृद्धावस्था पेंशन की राशि मिलेगी। उज्जवला योजना में 3 माह तक फ्री गैस सिलेंडर। राशन कार्ड नहीं होने पर भी राशन का गेहूँ और चावल मुफ्त संपत्ति और वृत्ति कर, केसीसी भुगतान तथा स्कूल-कॉलेजों की फीस तिथि 30 अप्रैल तक। प्रति मजदूर 1000 रुपए की सहायता। जनजातीय परिवारों के खातों में दो माह की एडवांस राशि। मध्यान्ह भोजन के लिये 65 लाख 91हजार विद्याथिर्यों के खाते में 156 करोड़ की राशि। संनिर्माण कर्मकार मंडल के 8.85 लाख मजदूरों को 88.50 करोड़। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 30 हजार रुपए एडवांस दिए।