डेढ़ करोड़ सिकल सेल मरीजों का तैयार होगा डेटा पोर्टल से होगी दवओं और जांच की निगरानी

डेढ़ करोड़ सिकल सेल मरीजों का तैयार होगा डेटा पोर्टल से होगी दवओं और जांच की निगरानी

भोपाल। मध्यप्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ लोग सिकलसेल एनीमिया से जूझ रहे हैं। इन मरीजों की अगली पीढ़ी को सिकल सेल से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए अब केन्द्र सरकार एक्शन प्लान तैयार कर रही है। करीब तीन साल के लिए तैयार इस प्लान में मरीजों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इसमें मरीजों की दवाओं से लेकर जांच और मौजूदा स्थिति को शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से तैयार इस डेटाबेस से मरीजों पर नजर रखी जाएगी। इस मिशन के तहत एम्स, आईसीएमआर और केंद्र-राज्य सरकार की संस्थाएं मिलकर बीमारी के उन्मूलन पर काम करेंगी। 40 फीसदी मरीज मप्र और छग में देश में करीब 10.30 करोड़ लोग सिकल सेल एनीमिया से जूझ रहे हैं। इनमें से 40 फीसदी मरीज मप्र और छत्तीसगढ़ में हैं। सबसे अधिक छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ 55 लाख 40 हजार 192 लोग पीड़ित हैं। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है। यहां 1 करोड़ 53 लाख 16 हजार 784 लोग, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र में 1 करोड़ 1 लाख 87 हजार 100 लोग पीड़ित हैं। सबसे कम उत्तर प्रदेश के 3 लाख 56 हजार 923 लोग इस बीमारी की चपेट में हैं।

क्या है सिकल सेल बीमारी

सिकल सेल खून से जुड़ी बीमारी है, जो शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसकी वजह से शरीर में खून की कमी हो जाती है, जिसे हीमोग्लोबिन की कमी भी कहा जाता है। यह आमतौर पर माता-पिता से बच्चों में संचारित होती है। सिकल सेल रोगियों की लाल रक्त कोशिकाओं में ज्यादातर हीमोग्लोबिन एस होता है। इसे एक असामान्य प्रकार का हीमोग्लोबिन माना जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को बदल देता है और उन्हें अर्धचंद्राकार जैसा बना देता है। इस तरह के आकार होने के कारण रक्त सेल्स के जरिए पूरी शरीर में मूव नहीं कर पाता है। ऐसा होने पर शरीर के टिशूज, सेल्स और कई अंगों को नुकसान होने लगता है।

सिकल सेल एनीमिया के लक्षण

  • ल्ल सिकल सेल एनीमिया के कुछ लक्षण ल्ल थकान और साँसों की कमी 
  • धीमी वृद्धि और बच्चों में यौवन में देरी 
  • बार-बार संक्रमण ल्ल आघात 
  • आंखों की समस्या, अंधापन सहित 
  • पीलिया (त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफेद होना) 
  • पीली त्वचा और नाखून