विदेश में पढ़ाई करने जाएंगे एससी-एसटी के 100 छात्र

विदेश में पढ़ाई करने जाएंगे एससी-एसटी के 100 छात्र

भोपाल। राज्य सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के सौ छात्रों को विदेश में पढ़ाई करने भेजेगी। इनमें एससी के तीन साल बाद पूरे पचास विद्यार्थी विदेश जाएंगे। इसके पहले चालीस छात्रों का चयन हुआ था। विभिन्न देशों में पढ़ने के लिए 40 छात्रों का चयन वर्ष 2017-18 में हुआ था। अब सरकार ने फिर छात्रों को विदेश में पीएचडी करने ऑफर दिया है। हर साल एससी के 50 और एसटी के 50 छात्रों को स्रातकोत्तर पीएचडी, शोध उपाधि करने भेजने की व्यवस्था है। इस योजना में प्रत्येक छात्र पर स्कालरशिप के रूप में सरकार करीब 8-10 लाख रुपए खर्च करती है। इसलिए नहीं मिले पूरे विद्यार्थी राज्य सरकार विदेश में स्थित यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की फीस ही भरती है, जबकि अन्य खर्चे छात्र के परिजनों को उठाने पड़ते हैं। ऐसे कई मामले सामने आए कि डॉलर की कीमतों में अंतर होने की वजह से छात्रों को फीस भरने में दिक्कतें भी हुई। कुछ मामलों में छात्रों ने जब सरकार से मांग की, तो उन्हें बाद में अतिरिक्त फीस उपलब्ध कराई गई। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कई विद्यार्थियों ने पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी हासिल की।

इंटरव्यू के बाद फॉरेन यूनिवर्सिटी में होगा चयन

आदिवासी आयुक्त कार्यालय ने वर्ष 2020-21 के लिए 50 छात्रों का चयन करने ऑफर लेटर जारी कर दिया है, जबकि आयुक्त अनुसूचित जाति से अभी जारी होना है। इसके साथ ही छात्रों से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आवदेनों का परीक्षण करने के बाद इंटरव्यू समिति उन्हें सिलेक्ट करेगी। 50 प्रतिशत तक अंक लाने वाले छात्र इसके लिए पात्र होंगे।