1000 साइकलिस्ट ने 5 किमी राइड कर दिया धरती को हरा-भरा रखने का संदेश

विश्व पर्यावरण दिवस पर टीटी नगर स्टेडियम में इस बार नजारा कुछ खास दिखाई दिया, राजधानी के 1 हजार से अधिक साइकलिस्ट ने पर्यावरण जागरूकता के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट), पर्यावरण संरक्षण गतिविधि एवं नर्मदा समग्र सहित कई संस्थाओं के सहयोग से आयोजित 'जन चेतना साइकिल रैली' में बढ़-चढ़कर सहभागिता की। रैली का शुभारंभ पूर्व डीजीपी एवं निदेशक सीबीआई ऋषि कुमार शुक्ला, नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी ,महानिदेशक मैपकास्ट डॉ.अनिल कोठारी ने झंडी दिखाकर किया। मुख्य अतिथि ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि हमें साल में 1 दिन ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष जागरूक होकर कार्य करना होगा तभी हम आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण दे सकेंगे । साइकिल रैली में उपस्थित प्रतिभागियों ने सूखी धरती करे पुकार, वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार, प्रकृति के दुश्मन तीन,पाउच , पन्नी पॉलीथिन सहित अनेक जन जागरूकता स्लोगन के साथ मिट्टी बचाने एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
वैज्ञानिक पद्दति से नदियों को शुद्ध करना है : महानिदेशक मैपकॉस्ट डॉ.अनिल कोठारी ने कहा कि परिषद पूरे प्रदेश को हरा-भरा बनाने के साथ नदियों को शुद्ध करने में वैज्ञानिक पद्धति से कार्य कर रही है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अच्युत मिश्रा ने प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया।
पेड़ों की उम्र बढ़ाने के संदेश के साथ हुई वॉकथॉन
जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी), द्वारा ‘जीर्ण वृक्षों का पुनजीर्वीकरण’ के संकल्प को प्रबल करने के लिए वॉकथॉन का आयोजन किया गया। तीन किमी की यह वॉकथॉन सुबह 8 बजे भोज विश्वविद्यालय से शुरू होकर कलियासोत डेम स्थित वाल्मी परिसर में, नए पेड़ लगाने के साथ-साथ 'जीर्ण वृक्षों का पुनर्जीवीकरण' विषय पर कार्यशाला के रूप में संपन्न हुई।
स्लोगन से दिए मैसेज
रॉयल एनफील्ड और सेंक्चुरी एशिया के मेंबर्स ने किया श्रमदान : गैर
शासकी य संस्था क्रू द्वारा रॉयल एनफील्ड और सेंक्चुरी एशिया के सहयोग से रविवार को 'हर जगह बेहतर छोड़ो' का क्रियान्वयन अर्थ डे नेटवर्क इंडिया द्वारा किया गया। 48 राइडर्स ने इसमें भाग लिया।
जमीन की उपलब्धता कम होती जा रही है। इस कारण नए पौधरोपण के लिए कम स्थान मिल पाता है। इसलिए हमें पुराने जीर्ण वृक्षों के पुनर्जीवीकरण पर जोर देना चाहिए, ताकि इन पेड़ों की उम्र अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके । -डॉ. रविंद्र ठाकुर, विशेषज्ञ कृषि संकाय