खरीदी केंद्रों पर 15 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा, बारिश हुई तो भीगने का डर

भोपाल । बारिश का सीजन सिर पर है। वहीं बोरे की कमी और परिवहन नहीं हो पाने से खरीदी केंद्रों पर खुले में गेहूं के ढेर लगे हैं। अनुमान है कि वर्तमान में करीब 15 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा हुआ है। 6 जिलों में अभी भी खरीदी जारी है। ऐसे में बारिश हुई तो लाखों मीट्रिक टन गेहूं भीगने से खराब होने का खतरा है। इस वर्ष गेहूं उपार्जन का लक्ष्य शुरुआत में 90 लाख मीट्रिक टन रखा गया था, जिसे बढ़ाकर 95 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया । खरीदी की आखिरी तारीख 26 मई तक केंद्रों के बाहर ट्रालियों की लंबी लाइनें लगी थीं, ऐसे में सरकार ने खरीदी की तारीख बढ़ाकर 31 मई तक कर दी। नतीजे में 31 मई तक प्रदेश भर में 124.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी थी। इसके बाद भी कई जिलों में कोरोना के कारण रेड जोन बनने से खरीदी नहीं हो सकी। लिहाजा सरकार ने चुनिंदा 6 जिलों भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, शाजापुर में खरीदी की तारीख 5 जून तक कर दी है। यह जिले गेहूं उपार्जन के लिए सबसे बड़े जिलों में शुमार हैं। अनुमान है कि 5 जून तक खरीदी का आंकड़ा बढ़कर 130 लाख मीट्रिक टन को पार कर जाएगा।
इधर, धार जिले में एक इंच बारिश हुई, खुले में रखा अनाज भीगा
धार। जिले में मंगलवार सुबह औसतन एक इंच बारिश हुई। इससे जिले के कई खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़े गेहूं को नुकसान पहुंचा है। हालांकि कुछ केंद्रों पर गेहूं को तिरपाल से ढंकने की कोशिश की गई, लेकिन पानी अंदर तक पहुंच गया।
खरीदी केंद्रों से 85 प्रतिशत गेहूं का ही परिवहन हुआ
उपार्जित गेहूं के ढेर खरीदी केंद्रों पर मीलों दूर से नजर आ रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि अभी तक 85 प्रतिशत गेहूं का ही उठाव हो सका है। बाकी 15% गेहूं अभी भी खरीदी केंद्रों पर खुले में रखा है। हालांकि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का दावा है कि 92% गेहूं का परिवहन और भंडारण किया जा चुका है। बाकी 8% गेहूं का परिवहन भी अगले 15 दिन में कर लिया जाएगा।
भोपाल में ही कई केंद्रों पर खुले में पड़ा है गेहूं
जानकारी के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं खरीदी केंद्रों के बाहर खुलें में पड़ा हुआ है। भोपाल जिले के मिसरोद, दीपड़ी और कौड़िया खरीदी केंद्रों पर यही स्थिति है। इसी तरह विदिशा जिले के त्योंदा, सतपाड़ा, आटा सेमर और बिशनपुर में भी खरीदी केंद्रों पर भी खुले आसमान के नीचे गेहूं के बोरे रखे गए हैं। इधर, मौसम खराब हो रहा है।
हमने 95 प्रतिशत गेहूं का भंडार कर लिया है
खरीदी केंद्रों पर उपार्जित गेहूं में से 92 प्रतिशत गेहूं का परिवहन और सुरक्षित भंडारण किया जा चुका है। बाकी जो गेहूं बाहर पड़ा है, उसके परिवहन और भंडारण के लिए भी कार्यवाही जारी है। 5 जून के बाद तेजी से परिवहन करके गेहूं भंडार गृहों तक पहुंचा दिया जाएगा। हरि सिंह परमार, संयुक्त संचालक, खाद्य एवं आपूर्ति संचालनालय