16 सौ किसानों के खाते में आए 24 करोड़ 20 बैंकों ने किए होल्ड

जबलपुर । समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी के बाद किसानों के खाते में डाली गई राशि पर मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ ने रोक लगा दी है। इसके पीछे गलत ट्रांजक्शन का तर्क दिया गया है। जिला प्रशासन को भेजे गए पत्र में 16 सौ किसानों को किए गए 24 करोड़ रुपए पर रोक लगाई गई है। पत्र में निर्देशित किया गया है कि चूक वश हुए अधिक भुगतान की राशि रिवर्स कर उसका समायोजन कराया जाए। जिन किसानों की खुद की जमा पूंजी भी निकाल ली गई है। ऐसे किसानों ने 10 दिनों का प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था। अब यह मियाद भी पूरी हो गई है और किसानों में एक बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट भी शुरु हो गई है। क्योंकि खरीफ की तैयारी चल रही है और किसान खाद्य,बीज खरीदने के लिए तैयार है परंतु किसानों की उपज का भुगतान जल्द नहीं हुआ तो किसान सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। गौरतलब है कि खरीफ उपार्जन वर्ष 2019-20 के लिए जिला सहकारी, स्टेट बैंक सहित करीब 17 बैंकोें के माध्यम से उक्त राशि किसानों के खाते में भेजी गई थी। राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल ने कलेक्टर को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि जिले में 1642 ट्रांजक्शन में 1613 किसानों के खाते में तकनीकी कारणों से करीब 24 करोड़ 2 लाख 54 हजार 228 रुपए का गलत भुगतान हो गया है, जिसे होल्ड किया जाए। सैकड़ों किसानों ने खाते से निकाली रकम धान खरीदी के करीब 2 माह बाद हुए पेमेंट की राशि जैसे ही किसान के खाते में आई अधिकांश ने अपने खाते से रकम का आहरण कर लिया। 1613 किसानों में करीब 550 किसानों के खाते में फिलहाल राशि नहीं आई है।
केन्द्र प्रभारियों की गलती की सजा भुगत रहे किसान
भारतीय किसान संघ का कहना है कि धान खरीदी में केंद्र प्रभारियों की गलती की सजा किसानों को दी जा रही है। किसानों के खाते में तकनीकी कारणों से गलत भुगतान नहीं हुआ है। खरीदी के बाद रिजेक्ट हुई हजारों क्ंवटल धान का भुगतान करने से एनआईसी ने इंकार कर दिया था। किसानों के खाते में राशि जाने के बाद अमानक धान का ब्यौरा पहुंचाया गया था। जिसके हिसाब से करीब 24 करोड़ की धान का भुगतान अपव्यय मानकर देने से इंकार कर दिया गया। अमानक धान साइड मिलर्स को बेचकर भुगतान पूर्ण करने तैयारी भी सोसायटी प्रबंधन अपने स्तर पर कर रहा है।
कर्ज चुकाने के बाद फिर काटी राशि
अक्टूबर 2018-19 में किसानों द्वारा खाद- बीज के लिए गए कर्ज को निर्धारित सोसायटियों ने 2018-19 में हुई गेहूं खरीदी के भुगतान में ब्याज सहित कर्ज का काट लिया। मार्च- अप्रैल 2020 में धान के मिले पेमेंट में सोसायटियों ने पुन: 2018-19 का कर्ज काटकर खाते में भुगतान कर दिया। किसानों की शिकायत पर बैंक प्रबंधन ने कम्प्यूटर से ऋण न हटने की बात कहते हुए कह दिया कि जल्द ही आपके खाते में रकम लौटा दी जाएगी, जो अभी तक वापस नहीं हुई है।