संभाग में 1728 हैंडपंप बंद कई गांव में पानी की त्राहि-त्राहि मीलों दूर भटक रहे ग्रामीण

जबलपुर । संभाग में 1728 हैंडपंप बंद हैं, कई जगह पेयजल आपूर्ति की कोई व्यवस्था ही नहीं है। दर्जनों गांव में पानी की त्राहि-त्राहि है और ग्रामीण मीलों दूर भटकने मजबूर हैं। पीपुल्स समाचार ने इस संबंध में पूर्व में एक खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद पीएचई के कार्यपालन यंत्री मुकेश श्रीवास्तव ने कुछेक गांव में सिंगल फेस मोटर पंप लगाकर औपचारिकता की, लेकिन बाकी गांवों को उनके ही हाल पर छोड़ दिया गया। जानकारी के मुताबिक संभाग में हैंडपम्पों की संख्या 93039 हैं,जिसमें 1728 हैंडपम्प बंद हैं। जबकि जिले में 10 हजार 48 हैंडपम्प हैं। जिसमें 167 हैंडपम्प बंद पड़े हुए थे। जिनमें कुछ का सुधार कार्य कराया गया है। वहीं संभाग में कुल नलजल योजना 4 हजार 90 संचालित हैं,जबकि 250 योजनाएं विभिन्न कारणों से बंद हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतम योजनाएं तो वॉटर लेवल कम होंने की वजह से बंद पड़ी हुई हैं।
संभाग के इन जिलों की ये है स्थिति
जबलपुर मंडल के अंतर्गत कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिण्डोरी के जिलों में 16 सौ 55 नलजल योजनाएं हैं। जिसमें 15 सौ 50 से ज्यादा चालू हो गई है,जबकि 110 योजनाएं बंद हैं। वहीं छिदवाड़ा मंडल के तहत तीन जिले आते हैं। जबकि छिदवाड़ा और परासिया दो भागों में बंटा हैं। जिसमें छिदवाड़ा 652 हैं, चालू 641 हैं। जबकि 11 बंद हैं। परासिया में 353 में से 343 चालू हैं, जबकि 10 बंद हैं। इसी तरह बालाघाट में 505 में से 483 चालू हैं और 22 बंद हैं। सिवनी में 925 में से 886 चालू हैं और 89 बंद हैं। बंद होंने की वजह मोटर पम्प जल जाना,वोल्टेज न मिलना,जल स्त्रोत की समस्या जैसे विभिन्न कारणों से बंद हैं। हालांकि इनमें से कुछ नलजल योजनाओं का सुधार कराकर चालू करा दिया गया है।
संभाग में हैंडपम्प की स्थिति
संभाग में जबलपुर मंडल के जिलों में 48 हजार 152 पम्प चालू हैं जबकि 501 बंद हैं। वहीं छिदवाड़ा मंडल के अंतर्गत 4 हजार 8 सौ 75 चालू हैं,जबकि 153 बंद हैं। परासिया में 6 हजार 6 सौ 87 में से 294 बंद हैं। सिवनी में 5 हजार 28 में से 509 बंद हैं। इसीतरह बालाघाट में 21 हजार 3 में से 191 पम्प बंद हैं। जबकि कुछ हैंडपम्प का सुधार कार्य कराया जा रहा है।