म्युचुअल फंड के लिए 2022 सुस्त रहा नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

म्युचुअल फंड के लिए 2022 सुस्त रहा नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड उद्योग पिछले साल के शानदार प्रदर्शन को वर्ष 2022 में दोहरा नहीं सका और पूरे साल बाजार में उतार- चढ़ाव रहने से उद्योग अपने संपत्ति आधार और निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी की रμतार बरकरार नहीं रख सका। हालांकि विश्लेषकों को उम्मीद है कि नया साल इस उद्योग के लिए अपेक्षाकृत बेहतर साबित होगा। म्यूचुअल फंड उद्योग वर्ष 2022 में धीमी गति से बढ़ा। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और बढ़ती ब्याज दरों के कारण उद्योग के लिए हालात विपरीत रहे। उद्योग निकाय एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन-अधीन संपत्ति (एयूएम) में सात प्रतिशत या 2.65 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई।

2023 भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा बना रहेगा भारत

अमेरिका में सख्त मौद्रिक नीति अपनाए जाने और रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने से पैदा हुई वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारत अपनी प्रोत्साहनसं बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और काफी हद तक सेहतमंद आर्थिक वृद्धि की संभावना को देखते हुए वर्ष 2023 में विदेशी निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बना रह सकता है। सरकार की तरफ से कारोबारी सुगमता और कुशल श्रमशक्ति को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों, देश के भीतर प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी, एफडीआई से जुड़ी नीतियों के उदार होने, विशाल घरेलू बाजार की मौजूदगी और वृद्धि दर अच्छी रहने की संभावनाओं से नए साल में भी भारत विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रह सकता है। हालांकि अनुबंधों के क्रियान्वयन में देरी, थकाऊ प्रक्रिया और ऊंची ब्याज दरें चिंता का विषय रह सकती हैं।