देश को मिले 333 जांबाज, पहली बार आईएमए की पासिंग आउट परेड में शामिल नहीं हो सके पेरेंट्स

देश को मिले 333 जांबाज, पहली बार आईएमए की पासिंग आउट परेड में शामिल नहीं हो सके पेरेंट्स

भोपाल। भोपाल के अनुज दुबे समेत 333 जांबाज भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद भारतीय सेना में लेटनेंट बन गए। गुलमोहर कॉलोनी निवासी अनुपम और अंजू दुबे के बेटे अनुज ने 13 जून यानी शनिवार को आईएमए की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। वह कहते हैं, आम तौर पर सेना में पासिंग आउट परेड के बाद अफसरों को 15-20 दिन की छुट्टी दी जाती है, जिससे वह अपने परिवार से मिल सकें। लेकिन, कोरोना वायरस के चलते उन्हें सीधे सियाचिन के लिए रवाना किया जा रहा है। इस बार पासिंग आउट परेड में भी बदलाव हुए हैं। पहले कैडेट्स के बीच 0.5 मीटर की दूरी होती थी, लेकिन इस बार दो कैडेट्स के बीच 2 मीटर की दूरी रखी गई। हर कैडेट ने चेहरे पर मास्क और हाथों में ग्लव्स पहना था।

मलाल रहेगा कि मां बैज कवर नहीं हटा सकीं

मुझे इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि मेरे पेरेंट्स मुझे जीवन के सबसे इस बड़े मौके पर सामने से नहीं देख सके। सोचा था कि मां-पापा आएंगे और कंधों पर लगे बैज से कवर हटाएंगे, लेकिन इस बार ग्राउंड ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर हमारे पेरेंट्स बने। आखिर वे भी तो हमारी फैमिली ही हैं। हालांकि परेड की लाइव स्ट्रीमिंग डीडी नेशनल और यूट्यूब चैनल पर की गई।