लीकेज की वजह से रोजाना सप्लाई का 35 फीसदी पानी होता है बर्बाद

भोपाल। बांसखेड़ी में ग्लोबस हॉस्पिटल के पास गिरीश कुंज कॉलोनी की बाउंड्रीवॉल के बगल में चार महीने से पानी बह रहा है। यहां कोलार लाइन फूटी है। वहीं, जिंसी से बरखेड़ी फाटक तक कोलार लाइन में 15 लीकेज हैं। दोनों से दिनभर में 30 लाख लीटर पानी नालियों से बह जाता है। यह रोजाना 25000 आबादी की जरूरत पूरी कर सकता है। ये हाल तब है जब निगम सालाना 2.5 करोड़ रुपए लीकेज सुधारने में खर्च करता है। फिर भी लीकेज हैं। बता दें कि रोजाना लीकेज की कंप्लेंट निगम अधिकारियों को मिलती हैं, लेकिन महीनों पानी की बर्बादी के बाद सुधारते हैं। आंकड़ों के मुताबिक निगम कोलार, बड़ी झील, नर्मदा और भू-जल स्त्रोतों से 90 एमजीडी (43 करोड़ 21 लाख 50 हजार लीटर) पानी का रोजाना 35% हिस्सा करीब 11 करोड़ लीटर पानी पाइप लाइनों के लीकेज से बह जाता है। पानी की बर्बादी रुकवाने पर 500 का इनाम: समाजसेवी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि ग्लोबस हॉस्पिटल बांसखेड़ी के पास गिरीश कुंज कॉलोनी के पास 4 महीने से कोलार पाइप लाइन में लीकेज है। सात जून को इसकी जानकारी निगम अधिकारियों को दी, लेकिन नहीं सुधारा। कई शिकायतें कीं, परंतु कुछ नहीं हुआ। लिहाजा जो भी लीकेज दुरुस्त कराएगा, उसे 500 रुपए का इनाम दिया जाएगा।