कृषि बजट में 36 हजार करोड़ की कटौती, कर्ज पटाने 16,460 करोड़ रु. का प्रावधान

कृषि बजट में 36 हजार करोड़ की कटौती, कर्ज पटाने 16,460 करोड़ रु. का प्रावधान

भोपाल | विधानसभा का मानसून सत्र स्थगित होने की वजह से राज्यपाल ने अध्यादेश के जरिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट को मंजूरी दे दी है। इस बार कृषि के बजट में 70 प्रतिशत की कटौती की गई है। कमल नाथ सरकार ने पिछले साल कृषि बजट के लिए 46,559 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। मौजूदा सरकार ने इसे घटाकर 10,461 करोड़ कर दिया है। इस तरह करीब 36 हजार करोड़ की कमी की गई है। वहीं ब्याज भुगतान और कर्ज पटाने के लिए बजट में बजट में 16,460 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गयाहै। बजट 2 लाख 5 हजार 397 करोड़ का लाया गया है, जो कि पिछले साल से 12 फीसदी कम है। सड़क, पुल- पुलियों, लघु सिंचाई, नवकरणीय ऊर्जा, सहकारिता, सामाजिक क्षेत्र और पर्यटन के बजट में भी कटौती की गई है। प्राकृतिक आपदा के लिए 5 हजार करोड़ सहित पंचायतराज संस्थाओं के लिए 15 हजार 721 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

किसानों की कर्ज माफी के लिए बजट नहीं: सरकार ने बजट में किसानों की कर्ज माफी के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं किया है। कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी के लिए बीते साल अलग से 8 हजार करोड़ का प्रावधान किया था।

शहरी क्षेत्र के अनुदान में कटौती

पिछले साल शहरी क्षेत्र की योजनाओं के लिए 15,665 करोड़ का प्रावधान था। हाउसिंग फॉर आॅल के लिए 4200 करोड़, इस साल बजट में शहरी विकास के लिए 2053 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जो बहुत कम है।

पंचायतों के लिए कम पैसा

पंचायती संस्थाओं के लिए 15,721 करोड़ रुपए ही रखे गए हैं। पिछले साल 17,186 करोड़ की राशि रखी गई थी । पीएम आवास के लिए 6600 करोड़, मनरेगा के लिए 2500 करोड़, ग्रामीण सड़कों के लिए 1400 करोड़ का प्रावधान था।

महिलाओं, बच्चों का बजट भी कम

वर्ष 2019-20 में महिला एवं बाल विकास के लिए 5,292 करोड़ रुपए रखे थे, पोषण आहार के लिए 1517 करोड़, आंगनबाड़ी सेवाओं के लिए 1179 करोड़, लाड़ली लक्ष्मी योजना में 922 करोड़ का प्रावधान किया था। इस साल बजट में 4,991 करोड़ रुपए ही रखे गए हैं।

बिजली के खर्चों में कटौती

बीते साल ऊर्जा क्षेत्र के लिए 9,888 करोड़ रुपए रखे थे, इंदिरा गृह ज्योति में 2116 करोड़Þ की राशि रखी गई थी। इस साल केवल 4,790 करोड़ की व्यवस्था की गई।

स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में 316 करोड़ की कमी

कोरोना महामारी के बाद भी इस साल सरकार ने स्वास्थ्य का बजट कम कर दिया है। इस बार स्वास्थ्य के लिए मात्र 7,231 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जबकि 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 7,547 करोड़ रुपए रखे गए थे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 2,735 करोड़ तथा सीएम श्रमिक सेवा प्रसूति योजना में 517 करोड़ का प्रावधान किया था।