टॉयलेट का रोशनदान तोड़कर भागे 5 बाल अपचारी, दो पकड़े, तीन की तलाश जारी
ग्वालियर। थाटीपुर थाना क्षेत्र के गोविंदपुरी क्षेत्र स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चोरी और हत्या के मामले में कैद पांच बाल अपचारी (नाबालिग आरोपी) टॉयलेट में लगा रोशनदान तोड़कर भाग निकले। पुलिस मामले की जांच में जुटी है कि आखिर ये बच्चे भागने में सफल कैसे हुए। अपनी कमजोर सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह बाल संप्रेक्षण गृह हमेशा चर्चा में रहा है। थाटीपुर थाना क्षेत्र स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में शुक्रवार की सुबह करीब सवा 6 बजे हंगामा हो गया, क्योंकि वहां पर सुधार के लिए आए पांच अपचारी बाथरूम में लगे रोशनदान को निकालकर फरार हो गए थे।
घटना का पता चलते ही एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह, एएसपी अखिलेश रैनवाल, सीएसपी राजीव जंगले टीआई झांसी रोड हरेन्द्र शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जांच में पता चला है कि बाल संप्रेक्षण गृह में बंद चार चोरी के नाबालिग आरोपी और एक हत्या के आरोपी ने टॉयलेट के रोशनदान को खोदकर उसकी लोहे की ग्रिल उखाड़ी और भाग गए। इन बाल अपचारियों को 4 से पांच महीने पहले ही बाल संप्रेक्षण गृह में लाया गया था। पुलिस ने सभी बाल अपचारियों का रिकॉर्ड निकाला है। उनके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, जिसमें से फरार दो बाल अपचारियों को पकड़ा जा चुका है, बाकी की तलाश जारी है, उनको भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।
यह बाल अपचारी हुए फरार
गोविन्दपुरी स्थित बाल संप्रेक्षण गृह से भागने वाले बाल अपचारी ग्वालियर, राजगढ़, भिंड-मुरैना के रहने वाले हैं। इनमें से चार चोरी के आरोप में बाल संप्रेक्षण गृह में बंद थे, जबकि एक हत्या के मामले में आरोपी था। इन पर ग्वालियर के मुरार, माधौगंज, जनकगंज ग्वालियर व भितरवार में मामले दर्ज हैं।
एक आरोपी है काफी खतरनाक
बाल संप्रेक्षण गृह से भागने वालों में से एक हत्या के मामले में यहां पर सुधार के लिए लाया गया है। वह काफी खतरनाक है, इसने अपने पिता के साथ मिलकर एक युवक की बेरहमी से हत्या की थी। युवक की हत्या करने के बाद बका से उसका सिर, धड़ से अलग करने के बाद उसके शरीर के आधा सैकड़ा टुकड़े करने के बाद उन्हें स्वर्ण रेखा में बहा दिया था। स्वर्ण रेखा की सफाई के दौरान जब मृतक के अवशेष मिले तो घटना का खुलासा हुआ था और उसके बाद डीएनए से मृतक की पहचान हुई थी।
बाल संप्रेक्षण गृह में थे 12 बाल अपचारी
बाल संप्रेक्षण गृह में कुल 12 बाल अपचारी रह रहे थे, जो पांच बाल अपचारी भागे हैं वह सभी एक ही कमरे में रहते थे। इसी दौरान उन्होंने भागने की योजना बनाई है। फिल्मी स्टाइल में दरवाजे के स्टील के हैण्डल की मदद से धीरे-धीरे टॉयलेट के रोशनदान को निकालने का काम करते रहे और मौका मिलते ही फरार हो गए।