अतीक-अशरफ मर्डर में 5 लोग थे शामिल
प्रयागराज। अतीक अहमद-अशरफ हत्याकांड में यह जानकारी सामने आई है कि हत्याकांड में तीन शूटरों के अलावा दो अन्य लोग भी शामिल थे। यह वह थे जो मौके पर मौजूद रहकर शूटरों को कमांड दे रहे थे। इनमें से एक स्थानीय था और उसने ही शूटरों के रहने, खाने से लेकर उन्हें अतीक-अशरफ की लोकेशन देने तक का काम किया था। वारदात के बाद कुछ ऐसी बातें सामने आईं थीं, जिससे शुरू से ही अंदेशा जताया जा रहा था कि हत्याकांड में तीन से ज्यादा लोग शामिल थे। शूटरों का सटीक टाइमिंग से मौके पर पहुंचना, उनसे मोबाइल या रुपए बरामद न होना, तीनों का अलग-अलग जनपदों का होना, प्रयागराज से कोई पुराना कनेक्शन न होना, जैसी तमाम बातें थीं जो कुछ और ही इशारा कर रही थीं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने कस्टडी रिमांड पर लिए गए तीनों शूटरों से इन्हीं के बाबत सवाल पूछे। कहा कि जब उनके पास मोबाइल नहीं था तो आखिर कैसे पता चला कि माफिया भाई कितने बजे अस्पताल पहुंचेंगे। इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ़ने के दौरान यह बात सामने आई कि घटनास्थल पर शूटरों के दो मददगार भी मौजूद थे। हालांकि, यह लोग कॉल्विन अस्पताल के भीतर नहीं गए थे बल्कि, बाहर ही रहकर शूटरों को लोकेशन दे रहे थे। यह बात भी सामने आई कि इन दोनों में से एक स्थानीय था जिसे शहर के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। उसने ही शूटरों के ठहरने, खाने से लेकर अन्य इंतजाम किया था। फिलहाल इन दोनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
किसी से फोन पर बात करने के बाद कमांड देते थे दोनों हैंडलर
शूटरों से पुलिस द्वारा की जा रही पड़ताल में यह पता चला है कि तीनों शूटरों को इन दोनों हैंडलरों के ही संपर्क में रखा गया था। लेकिन यह नहीं बताया गया कि दोनों हैंडलर किसके कहने पर उनकी मदद कर रहे हैं। दोनों हैंडलर किसी से फोन पर बातें करते थे और फिर उसके अनुसार ही उन्हें कमांड देते थे। कहा जा रहा है कि हैंडलरों के पकड़े जाने के बाद ही पता चल सकेगा कि उनका आका कौन है, जिसके कहने पर वह शूटरों की मदद कर रहे थे।
एक दिन पहले भी थे साथ: दोनों हैंडलर एक दिन पहले भी शूटरों के साथ ही थे। वह उस दिन भी कॉल्विन अस्पताल के पास मौजूद थे जब अतीक व अशरफ को मेडिकल के लिए लाया गया था। तब मीडिया की भीड़ होने के कारण उन्हें प्लान बदलना पड़ा था। इसके बाद वह बिना वारदात अंजाम दिए ही वापस चले आए थे।
शूटरों को खतरा, पुलिस में ही मेडिकल: कस्टडी रिमांड में अतीक-अशरफ की हत्या के बाद पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है। शूटरों की सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां तक कि उन्हें मेडिकल के लिए भी बाहर नहीं ले जाया जा रहा है। डॉक्टरों की टीम पुलिस लाइन में ही बुलाकर जांच कराई जा रही है।
कस्टडी रिमांड के बाद आए थे शहर
शूटरों के बारे में यह भी पता चला है कि वह अतीक-अशरफ की कस्टडी रिमांड मंजूर होने के बाद प्रयागराज पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने धूमनगंज थाने के आसपास भी रेकी की थी। अगले दिन यानी 14 अप्रैल को भी वह धूमनगंज क्षेत्र में ही घूमते रहे। रात में जब अतीक-अशरफ को लेकर धूमनगंज पुलिस कौशाम्बी के महगांव की ओर गई थी तो उन्होंने भी वहां जाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस के अचानक लौटने से उनकी प्लानिंग फेल हो गई थी।