शराब ठेकों की नीलामी से अकेले भोपाल में ही 500 करोड़ की चपत

शराब ठेकों की नीलामी से अकेले भोपाल में ही 500 करोड़ की चपत

भोपाल। आबकारी विभाग ने प्रदेश में 1844 शराब दुकानों के ठेके निरस्त किए थे। अब विभाग इन शराब ठेकों की नीलामी कर रहा है। सोमवार को भोपाल की कुल 92 दुकानें की नीलाम की गई। पुराने भोपाल ग्रुप-एक का ठेका 232 करोड़ तथा नया भोपाल ग्रुप-2 का ठेका 152 करोड़ में गया। इसी साल मार्च में हुई नीलामी के समय यह ठेके 888 करोड़ में गए थे। इस तरह भोपाल में ही सरकार को करीब 504 करोड़ की चपत लगी है। प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से शराब ठेकेदारों ने लायसेंस फीस कम करने की मांग सरकार से की थी। साथ ही हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। कोर्ट ने आदेश दिए थे कि जो ठेकेदार सरकार के विकल्प लेने के लिए तैयार नहीं है, वह दुकानें सरेंडर कर दें। इसके बाद 1844 दुकानें ठेकेदारों ने सरेंडर कर दी थी। इसमें करीब 6,691 करोड़ की दुकानें सरेंडर की गई थीं। आबकारी विभाग ने एक सप्ताह और अब पूरे साल के लिए शराब ठेके देने के लिए नीलामी प्रारंभ की है। यह प्रक्रिया लगातार चल रही है। मार्च में इस वित्तीय वर्ष के लिए 10 हजार 470 करोड़ में शराब के ठेके नीलाम हुए थे। करीब 23 जिलों में नए सिरे से शराब दुकानों की नीलामी से सरकार को करीब 4 से 5 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है।

सरकारी स्तर पर दुकानों के संचालन में भी नुकसान

शराब ठेकेदारों द्वारा दुकानें सरेंडर कर दिए जाने से आबकारी विभाग खुद भोपाल, इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर सहित 23 जिलों में दुकानों का संचालन कर रहा है। इससे सरकार को करीब 500 करोड़ का अलग से नुकसान हुआ है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर से शराब दुकानों से तीन हजार करोड़ की आय होती हैं।