51 हजार भक्तों ने किया एक साथ चार बार हनुमान चालीसा का पाठ

51 हजार भक्तों ने किया एक साथ चार बार हनुमान चालीसा का पाठ

इंदौर पितृ-पर्वत स्थित पितरेश्वर हनुमान धाम पर 25 मार्च को 51 हजार भक्तों ने एक साथ चार बार हनुमान चालीसा का पाठ किया। देश में पहली बार ऐसा अनूठा आयोजन हुआ, जो संभवतया कीर्तिमान साबित होगा। आयोजन श्री श्री रविशंकर, महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी, महामंडलेश्वर चिन्मयानंद सरस्वती सहित अन्य साधु-संतों के सान्निध्य में हुआ।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला ने बताया कि पितृ- पर्वत पर शनिवार को शाम 5.00 बजे से 51 हजार भक्तों द्वारा एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ चार बार किया, जिससे ढाई लाख हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। शामिल हुए साधु-संत-आयोजन में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी, महामंडलेश्वर चिन्मयानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर रामगोपालदास महाराज सहित अनेक साधु-संत शामिल हुए। अनुराग त्रिपाठी के अनुसार हनुमान चालीसा के लिए देशभर से श्री श्री के बहुत से भक्तजन आए, आठ के करीब स्वामी भी पाठ में शामिल हुए।

लेजर-शो- हनुमान चालीसा के पाठ के पश्चात भगवान पितरेश्वर हनुमानजी का लेजर-शो हुआ। तत्पश्चात महाप्रसादी हुई।

धन कमाना गलत नहीं, पर तरीका सही हो : श्रीश्री

आज के समय में सबसे बड़ी समस्या नींद की है। लोग बहुत तनाव तथा बेचैनी में हैं इसलिए अच्छी तरह से सोना भी जरूरी है। मोबाइल का स्क्रीन टाइम जितना ज्यादा होता है, मस्तिष्क उतना ही सिकुड़ता है। इसलिए थोड़ा आंखों को आराम देना चाहिए।

उक्त बात आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कही। वे पितरेश्वर हनुमान धाम पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान और अध्यात्म साथ में चलते हैं, अलग नहीं हो सकते हैं। धन कमाना गलत नहीं है, पर गलत तरीके से धन कमाना सही नहीं है। वरिष्ठजनों से संबंधित प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि कोई भी मनुष्य उम्र के किसी भी पड़ाव पर नए कार्य शुरू करके जीवन को नई दिशा दे सकता है ।

सामूहिक चालीसा पाठ - हनुमान धाम में गुरुदेव के साथ मां कनकेश्वरी देवी व अन्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में 4 बार सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ किया गया। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, क्षेत्र क्र. 2 के विधायक रमेश मेंदोला, मंत्री तुलसी सिलावट अन्य वरिष्ठ नेतागण, भिन्भि-न्न धार्मिक संतों ने भी भाग लिया। गायक सुरेश वाडकर और गौतम दबीर के साथ 51000 लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया।

यह है धार्मिक क्रांति- पितृ पर्वत पर गुरुदेव ने कहा कि आज यहां हजारों लोगों ने चार बार हनुमान चालीसा का पाठ किया। यह अद्भुत है और यह एक धार्मिक क्रांति है। इसी धार्मिक क्रांति और आध्यात्मिक क्रांति की इस पावन धरती को आवश्यकता रही है। विश्राम में ही आराम है। विश्राम और राम दोनों साथ-साथ लेकर चलना चाहिए।