24 घण्टों में मिले 52 पॉजिटिव, 95 ठीक होकर हुए डिस्चार्ज, 1086 हो चुके स्वस्थ

24 घण्टों में मिले 52 पॉजिटिव, 95 ठीक होकर हुए डिस्चार्ज, 1086 हो चुके स्वस्थ

जबलपुर । शहर में भी कोरोना अब बेकाबू होता जा रहा है,मंगलवार को मिली सेम्पल जांच की रिपोर्ट में 52 पाजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसके चलते जबलपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1547 हो गई है। वहीं एक व्यक्ति की फिर मौत हो गई, यह कोरोना से 33वीं मौत है। इसके अलावा 95 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक 1086 स्वस्थ हो चुके हं। एक्टिव मामले 428 हैं। इन हालात के बीच भी शहर में लोगों में न तो मास्क लगाने को लेकर जागरुकता आई है और न ही सोशल डिस्टेसिंग को लेकर गंभीरता बरती जा रही है। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला जबलपुर में ही पाया गया था। इसके बाद यह संख्या 8 तक पहुंच गई थी, इसके बाद कोरोना को विराम लगा करीब 20 दिन बार फिर कोरोना संक्रमण के केस सामने आए। धीरे धीरे यह संख्या बढ़ती ही चली गई। जून माह तक कोरोना पर लगभग नियंत्रण ही रहा लेकिन जुलाई माह में कोरोना ने विस्फोटक रुप धारण कर लिया और संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही चली गई यहां तक कि एक दिन 125 पाजिटिव मामलों से शहर में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। इसके बाद से यह संख्या 60 से 64 के बीच हो गई, जो अब थमने का नाम नहीं ले रही है।

95 ने जीती कोरोना से जंग

बताया गया है कि मंगलवार को 95 लोगों ने कोरोना से जंग जीती है, इसके पहले सोमवार को 90 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए थे, अब तक की यह सबसे बड़ी संख्या है। अब तक कोरोना से 1086 लोग डिस्चार्ज होकर अपने घरों को पहुंच गए है।

7 कंटेनमेंट जोन हटाए गए, 2 नए बने

बीते कई दिनों से कोरोना का कोई नया प्रकरण सामने नहीं मिलने पर मंगलवार को सात कन्टेनमेन्ट जोन को डिनोटिफाई कर दिया गया है। वहीं एक से अधिक कोरोना पॉजिटिव मिलने पर दो नए कन्टेनमेन्ट जोन भी बनाए गए हैं। हटाए गए कन्टेनमेन्ट जोन में शांति नगर दमोहनाका, छोटी बजरिया आनन्द कुंज गढ़ा, कचनार क्लब कचनार सिटी, सनातन धर्म मन्दिर हाथीताल, सुभद्रा नगर राईट टाउन, गुरुद्वारा रांझी और मेहता पेट्रोल पंप के पीछे लेबर चौक शामिल हैं। जो दो नए कन्टेनमेन्ट जोन बनाए गए हैं उनमें बड़ादेव मन्दिर रिछाई और जॉनसन कम्पाउन्ड गोरखपुर शामिल है।

गढ़ा फाटक निवासी वृद्ध की मौत

बताया गया है कि गढ़ाफाटक क्षेत्र में रहने वाले 62 वर्षीय वृद्ध जिन्हे 19 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ और खांसी की शिकायत के चलते मेडिकल अस्पताल के सस्पेक्ट वार्ड में भरती कराया गया था, जहां पर उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। वे पहले से मधुमेह के रोगी थे, जिन्हें आक्सीजन की मात्रा में कमी को देखते हुए उनको हाईफ्लो नेसल कैनुला पे रखा गया, इसके बाद भी सेप्सिस एवं रेस्पिरेटरी फेलियर पाया गया, डाक्टरों द्वारा किए गए प्रयासों के बाद भी उन्हे बचाया नहीं जा सका, बीती शाम वृद्ध की मौत हो गई।