एमपी बोर्ड के 53 हजार स्टूडेंट्स को पसंद नहीं आया रिजल्ट, री-टोटलिंग में बढ़े नंबर 

एमपी बोर्ड के 53 हजार स्टूडेंट्स को पसंद नहीं आया रिजल्ट, री-टोटलिंग में बढ़े नंबर 

भोपाल। एमपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा तीन बार एग्जाम लेकर वैल्यूएशन कराने के बाद भी परेशानियां कम नहीं हो रही है। कोरोना संकट के बीच मंडल द्वारा पहले होम वैल्यूएशन बाद में सेंट्रल वैल्यूएशन कराकर 12वीं  के रिजल्ट घोषित तो कर दिया, लेकिन हजारों छात्र बोर्ड के रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं। रिजल्ट से असंतुष्ट 53 हजार छात्र-छात्राओं ने री-टोटलिंग कराई है, वहीं अपेक्षा से कम अंक आने से दुखी 10 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने उत्तर पुस्तिका (कॉपी) मांगी हैं। 
मंडल ने री-टोटलिंग का रिजल्ट घोषित कर दिया है, जिसमें विद्यार्थियों के 2 से 25 नंबर तक बढ़े हैं। यह विद्यार्थी एम बीएससी डॉट इन पर अपना रिजल्ट चैक कर सकते हैं। एमपी बोर्ड ने 27 जुलाई को 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी किया था। इस साल परीक्षा में 68.81 विद्यार्थी पास हुए थे। इनमें से 2 लाख 77 हजार 750 विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी में स्थान प्राप्त किया था।  मंडल ने रिजल्ट से असंतुष्ट छात्र-छात्राओं को 10 अगस्त तक री-टोटलिंग के लिए आवेदन की सुविधा दी थी। 12वीं के 53 हजार छात्रों ने कराई रिटोटलिंग, 10 हजार ने देखीं कॉपियां ।

कोरोना ने फेरा पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था में पानी

कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़ी व्यवस्था के चलते विद्यार्थियों को पुनर्मूल्यांकन का लाभ नहीं मिल सका, जबकि मंडल ने इस साल सीबीएसई की तरह अपने विद्यार्थियों को कॉपी के पुनर्मूल्यांकन की सुविधा देने की तैयारी की थी। विद्यार्थी किसी एक विषय की कॉपी फिर से चैक करा सकते थे। लेकिन कोरोना के कारण छात्र को इस साल यह लाभ नहीं मिल सका।

इनका कहना है

रिटोटलिंग के आवेदनों की संख्या बढ़ना कोई नई बात नहीं है। कभी ज्यादा हो जाते हैं कभी कम हो जाते हैं। वैल्यूएशन व रिटोटलिंग का काम पूरी पारदर्शिता से किया गया है।
-राधेश्याम जुलानिया, चेयरमैन, एमपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन