पत्नी को तलाक देने की जिद पर अड़ा 58 वर्षीय आदमी

भोपाल। लॉकडाउन के चलते फैमिली कोर्ट से जुड़े काउंसलर के पास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काउंसलिंग के कॉल आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बीते माह पहुंचा, जिसमें तीन सीटिंग के बाद भी काउंसलर हैरान है कि एक पति अपने परिवार को छोड़ने की जिद पर क्यों अड़ा है। आलम यह है कि अधेड़ उम्र में माता-पिता के तलाक की बात सुन तनाव में छोटे बेटे ने आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन पिता नहीं डिगा। बिजनेसमैन पिता जिद पर अड़े हैं कि लॉकडाउन ने उन्हें जीवन की सच्चाई से रूबरू करा दिया है और जीने का नया तरीका सिखाया है। बांकी की जिंदगी अकेले गुजारना चाहते हैं। खुद ही पहुंचे काउंसलर के पास एडवोकेट और कुटुंब न्यायालय की काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि मामले में 58 वर्षीय पति ने उनसे संपर्क कर कहा था कि पत्नी के साथ काउंसलिंग चाहते हैं। काउंसलर ने कहा कि अभी सोशल डिस्टेंसिंग के चलते वीडियो कांफ्रेंसिंग ही हो रही है। पति ने कुछ ही देर सही, लेकिन आमने-सामने काउंसलिंग कर बात की। दिए समय पर दंपति काउंसलर के पास पहुंचे। यहां पहुंच कर पति ने कहा कि यह शादी उस पर बोझ बन चुकी है और वह तलाक चाहता है। इस बात से पत्नी भी हैरान रह गई। दंपति के दो बच्चे हैं, जिनमें एक 28 साल का और एक बेटा 23 साल का है। बड़े बेटे की शादी हो चुकी है और घर गृहस्थी भी काफी अच्छी है। इसके बावजूद उस व्यक्ति का तलाक का फैसला काउंसलर की समझ में नहीं आया। काउंसलर के लाख पूछने पर भी पति बस एक ही बात पर अड़ा रहा कि परिवार बहुत अच्छा है, लेकिन मैं अब शादी का बोझ उठाना नहीं चाहता। मैं अपने मन मुताबिक जीना चाहता हूं।