जिले में मजाक बनीं 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षाएं, लगातार हो रही लापरवाही

जिले में मजाक बनीं 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षाएं, लगातार हो रही लापरवाही

जबलपुर। 25 मार्च से शुरू हुईं 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षाओं में नित नए कारनामे उजागर हो रहे हैं। हाल ये है कि अधिकांश परीक्षा केन्द्रों में लगातार लापरवाहियां सामने आ रही हैं। इसका खामियाजा परीक्षा दे रहे नौनिहाल भुगत रहे हैं। वहीं प्लानिंग पर सवाल उठा रहे अभिभावकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग में नित्य नये प्रयोग होते रहते है। इसी क्रम में कई बर्षों बाद पुन: कक्षा 5वीं एवं 8वीं की बोर्ड परीक्षायें बिना किसी पूर्व तैयारी के कराई जा रही हैं। बोर्ड परीक्षा में परीक्षाथीर्यों के परीक्षा केन्द्र परिवर्तित करते हुए दूरी, जिस विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है उस विद्यालय में बैठक व्यवस्था आदि सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया है। वहीं प्रश्न पत्र के लिफाफे पर गलत विषय के साथ गलत दिनांक अंकित होने के कारण दो पेपर दूसरे विषय के खोल लिये गये आनन-फानन में परीक्षा केन्द्रों पर पुन: सही विषय का प्रश्न पत्र दिया गया।

प्राथमिक शालाओं में विशेषज्ञ नहीं

अभिभावक के. प्रसन्न ने कहा शासकीय प्राथमिक शालाओं में जो भी सहायक शिक्षक स्नातक डिग्रीधारी नहीं है और वे लम्बे समय से विभाग में अपनी सेवा देते आ रहे हैं । यही वजह है कि नियमित प्रधान अध्यापकों की कमी के चलते प्राथमिक शालाएं जूझ रहीं है। शिक्षकों को अपने अध्यापन कार्य के अलावा प्रधान अध्याकों का प्रभार भी संभालना पड़ता है जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित तो होता ही है साथ ही शिक्षकों को दोहरा कार्य भार संभालना पड़ता है जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है।

बांट दिया गणित का पर्चा

माध्यमिक शिक्षा मंडल की पांचवी-आठवीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान हाल ही में प्रश्न पत्र के दिन भी हद दर्ज की लापरवाही सामने आयी है। मामला रामपुर संकुल का है। बताया जा रहा है कि यहां के एक परीक्षा केन्द्र में 8वीं के पर्यावरण के प्रश्न पत्र के स्थान पर गणित का प्रश्न पत्र छात्रों को बांट दिया गया। पर्यवेक्षकों ने परिक्षार्थियों से गणित का प्रश्न पत्र वापस ले लिया और बकायदा प्रश्न पत्र को दोबारा लिफाफे में पैक कर दिया। तत्काल दूसरा बंडल खोल कर पर्यावरण का प्रश्न पत्र परीक्षार्थियों को बांटा गया। परीक्षा के पहले ही दिन 5वीं के छात्रों को रोल नंबर नहीं मिले थे।

ये हुईं लापरवाहियां 

  • प्रवेश पत्र से रोल नंबर गायब 
  • दो प्रश्न पत्रों के लिफाफे गलतखोले 
  • केन्द्रों में बैठक व्यवस्था खराब 
  • अचानक परीक्षा केन्द्र बदले

बोर्ड परीक्षा बिना व्यवधान के संपन्न कराने पूर्व में तैयारियां की गयी थीं, एक-दो केन्द्रों में समस्याएं आयीं है, जिनका तत्काल निराकरण किया गया है। जहां तक गलत प्रश्न पत्र का लिफाफा खोलने की बात है तो उसे केन्द्राध्यक्ष देखा और गलत विषय का पेपर होने के बाद उसे तत्काल सील बंद कर दिया गया है। -योगेश शर्मा,डीपीसी