माशिमं की परीक्षा में लेट होने पर 10वीं के 6 छात्रों को नहीं मिला प्रवेश

माशिमं की परीक्षा में लेट होने पर 10वीं के 6 छात्रों को नहीं मिला प्रवेश

जबलपुर। खालसा हायर सेकेंडरी स्कूल में परीक्षा देने पहुंचे दसवीं क्लास के 6 छात्रों को संस्कृत का पेपर देने से सिर्फ इसलिए वंचित कर दिया गया कि वह चंद मिनट देर हो गए थे। बच्चों ने टीचर से बताया कि काफी दूर से आते हैं इसलिए लेट हो गए, पर केन्द्राध्यक्ष ने गेट नहीं खोला, लिहाजा बच्चों ने संस्कृत का पेपर नहीं दिया। कुछ बच्चों के परिजन स्कूल के बाहर खड़े थे, उन्होंने ने भी केन्द्राध्यक्ष से विनती की थी कि बच्चों के भविष्य का सवाल है, इन्हें परीक्षा देने दिया जाए, पर किसी की बात नहीं मानी गई, आखिरकार छह छात्रों ने परीक्षा नहीं दिया। इस सदमे में एक छात्रा तो बेहोश भी हो गई पर केन्द्राध्यक्ष का दिल नहीं पसीजा। मामला शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, जिसके बाद अब जांच करने की बात कही जा रही है।

ये छात्र लक्ष्मी नारायण माध्यमिक स्कूल व ज्ञान उदय स्कूल के बताए जा रहे हैं। मामले की जानकारी लगते ही छात्रों के परिजन भी स्कूल परिसर में पहुंच गए, जिन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इस संबंध में एक परिजन ने बताया कि उनका बेटा सुबह ठीक 8 बजकर 35 मिनट पर खालसा स्कूल पेपर देने के लिए पहुंच गया था। वह जैसे ही स्कूल के गेट पर पहुंचा तो उसे गेट बंद पाया मिला। इसी प्रकार कुल 6 छात्र परीक्षा देने अंदर नहीं जा पाए। एक छात्रा ने बताया कि स्कूल प्रशासन ने सुबह 8 बजकर 30 मिनिट पर ही गेट बंद कर दिए। जबकि गेट बंद करने का समय 8 बजकर 45 मिनिट है।

मौके पर पहुंचा पुलिस बल

हंगामे की जानकारी लगते हैं मौके पर रांझी थाने की पुलिस भी पहुंच गई। इधर दूसरी तरफ परिजनों ने कहा कि स्कूल प्रशासन की लापरवाही के चलते उनके बच्चों को परीक्षा देने नहीं दिया गया। जिससे उनका साल बर्बाद होने की कगार पर आ गया है। वही इस संबंध में स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने शासन के निर्देशानुसार तय समय पर ही स्कूल का गेट बंद किया था।

छात्रों ने कहा हमारा क्या कसूर

पेपर न देने न मिलने से खालसा स्कूल में पहुंचे छात्र उदास हो गए। छात्रों ने बताया कि उन्हें दसवीं बोर्ड की गंभीरता मालूम है। जिसके चलते वे सही समय पर स्कूल पेपर देने के लिए पहुंचे थे। छात्रों ने बताया कि उन्होंने संस्कृत विषय को लेकर बहुत तैयारी की थी, लेकिन परीक्षा न देने मिलने से उनको बहुत बड़ा नुकसान हो गया है। जिसका खामियाजा उन्हें आगे भुगतना पड़ेगा।

अभिभावकों और विद्यार्थियों की हॉट-टॉक भी हो गई लेकिन माध्यमिक शिक्षा मण्डल के कठोर नियमों का पालन जरूरी है। विद्यार्थी सुबह 9 बजे के बाद स्कूल पहुंचे थे लेकिन मंडल का नियम है कि सुबह 8 बज कर 40 मिनट के बाद किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाए। मामले की जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर एसडीएम और पुलिस थाना प्रभारी तक जानकारी दे दी र्थी। दीप्ति शर्मा,परीक्षा केंद्राध्यक्ष