आईएसबीटी में 650 बसों के पहिये जाम टैक्स को लेकर संचालन पर फंसा पेंच

आईएसबीटी में 650 बसों के पहिये जाम टैक्स को लेकर संचालन पर फंसा पेंच

जबलपुर । बसों के संचालन पर अब तक प्रदेश सरकार के द्वारा कोई निर्णय न लिए जाने के कारण इनके पहिए जाम हैं। अकेले जबलपुर के अंतरराज्यीय बस टर्मिनल से ही संचालित होने वाली करीब 650 बसों के पहिए थमे हुए हैं। इसमें बस आॅपरेटरों की आपत्ति भी एक कारण बनी हुई है जिनका कहना है कि हमारी मांग है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान बसों का टैक्स माफ हो तभी बसों का संचालन करेंगे। प्रदेश शासन ने पूर्व में निर्णय लिया था 50 प्रतिशत क्षमता के हिसाब से बसों का संचालन किया जा सकता है। इसके बाद बस आॅपरेटरों ने जब टैक्स माफी का अडंगा लगाया तो इसके बाद प्रदेश शासन ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में अंतरराज्यीय सार्वजनिक परिवहन शुरू नहीं हो पाया है। जरूरी काम से जिलों में सफर करनेवाले सामान्य यात्रियों को काफी असुविधा का सामना भी इसमें करना पड़ रहा है।

इन रूटों पर हो रही दिक्कत

जबलपुर से आसपास के जिलों जैसे सिवनी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सागर, दमोह, कटनी, नरसिंहपुर की ओर प्रतिदिन काफी संख्या में लोग यात्रा करते हैं। विगत 22 मार्च के बाद से ही जारी लॉक डाउन के बाद बसें बंद कर दी गई थीं जिसके बाद आज तक इन्हें शुरू नहीं किया गया है। अब केवल नजी साधन या ट्रकों या अन्य चल रहे वाहनों में लिट लेकर ही लोग बामुश्किल जरूरी कामों के लिए आवाजाही कर पा रहे हैं जिनकी संख्या बेहद कम है।

आधी संख्या भी कारण

यदि 50 प्रतिशत संख्या में सफर की अनुमति मिलती है तो इसमें भी आॅपरेटरों को नुकसान उठाना पड़ेगा । इस समस्या के लिए किराया बढ़ाए जाने का भी प्रस्ताव है। किराया बढ़ने पर आॅपरेटर मान सकते हैं मगर इसमें शासन को उनका टैक्स माफ भी करना होगा।

अभी प्रदेश शासन ने बसों के संचालन पर कोई निर्णय नहीं लिया है जिसके कारण बसों को नहीं चलाया जा रहा है। जैसे ही कोई आदेश आता है बसों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। सचिन विश्वकर्मा, सीईओ,जेसीटीएसएल,ननि

हमारी मांग है कि कोरोना संक्रमण समयकाल का टैक्समाफ किया जाए। आधी सवारियां लेकर चलना है तो किराए में इजाफा किया जाए। इसके बाद ही हम बसें चलाने के लिए तैयार होंगे। कमल किशोर तिवारी, अध्यक्ष,बस आॅपरेटर एसोसिएशन जबलपुर