भारत के 85 प्रतिशत मोटे लोगों में डायबिटीज का खतरा

भारत के 85 प्रतिशत मोटे लोगों में डायबिटीज का खतरा

नई दिल्ली। दुनिया में मधुमेह से पीड़ित सातवां व्यक्ति भारत में है और देश में 85 प्रतिशत मोटे व्यक्तियों के इससे प्रभावित होने की आशंका है। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के एक निजी संस्थान के अध्ययन में कहा गया है कि 50 साल से कम उम्र के लोगों की अपेक्षाकृत युवा आबादी में मधुमेह के साथ मोटापा बढ़ रहा है। मोटापा बढ़ने से देश में कम उम्र के लोग भी टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। अध्ययन के अनुसार मधुमेह के इलाज के लिए मोटापे का नियंत्रण महत्वपूर्ण साबित हुआ है। भारत में टाइप-2 मधुमेह के 67 प्रतिशत रोगी मोटापे का भी शिकार हैं।

डॉक्टरों ने कहा -जरूरी है मोटापे पर नियंत्रण, दूसरे रोगों से भी बचेंगे

मोटापे का नियंत्रण करने से हृदय, गुर्दे और हड्डियों से संबंधित बीमारियों का खतरा कम रहेगा और रोगियों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव के साथ ब्रेक द पार्टनरशिप अभियान की साझेदारी की है। इस अभियान में मधुमेह के रोगियों, उनकी देखभाल करने वालों और डॉक्टरों को मधुमेह में वजन बढ़ने के गहरे प्रभाव के बारे में बताया जाएगा। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) और एंडोएक्राइन सोसाइटी आॅफ इंडिया ने कहा है कि जिन लोगों में मधुमेह के साथ मोटापा भी है, उनके इलाज में उस थेरेपी को शामिल करना चाहिए, जिससे वजन कम करने के साथ ब्लड शुगर को नियंत्रण करने में मदद मिले। संभवत: दुनिया भर में मधुमेह सबसे ज्यादा रोगी भारत में हैं।

हर साल 6 लाख मौतें

भारत में हर साल मधुमेह से छह लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। डॉक्टरों की तरफ से कहा गया कि इससे बचने के लिए लगातार जांच और डॉक्टरों से सलाह लेना जरूरी है। इसके साथ ही मरीजों को डायबिटीज और वजन बढ़ने के संबंध के बारे में जागरूक होना भी जरूरी है। मैक्स सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी और डायबिटीज विभाग के प्रमुख डॉ. अंबरीश मित्तल ने कहा कि टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों में अतिरिक्त वजन का कई गंभीर रोगों से सीधा संबंध होता है। इसलिए मधुमेह और मोटापे का संबंध खत्म करना आवश्यक है।