93 हजार राशन कार्डधारियों ने नहीं ली 6 माह से खाद्यान्न सामग्री, 4 तक रोक

93 हजार राशन कार्डधारियों ने नहीं ली 6 माह से खाद्यान्न सामग्री, 4 तक रोक

जबलपुर । जिले में 93 हजार ऐसे कार्डधारी है,जिन्होंने 6 माह से राशन नहीं लिया है। ऐसे बीपीएल कार्डधारियों के नाम काटने के लिए विगत दिनों संबंधित विभाग ने राशन दुकान विक्रेताओं को घर-घर सर्वे करके काटने के निर्देश दिए थे। लेकिन उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए इस कार्य को करने के लिए मना कर दिया,और हाईकोर्ट की शरण ली,जिसके कारण फिलहाल ऐसे राशन कार्डधारियों के नाम कटने से एक बार फिर टल गए हैं। बताया जाता है कि 2006 में बीपीएल कार्ड बनाए गए थे। लेकिन कुछ लोग बाहर चले गए ,कुछ की मृत्यु हो गई है जिसके कारण ऐसे लोग राशन नहीं ले पा रहे है। हालांकि इस मामले में 4 अगस्त तक रोक लगी है,इसके बाद खाद्य विभाग द्वारा नगर निगम से ऐसे राशन कार्डधारियों के नाम काटकर,नए पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने का हवाला दे रहा है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान हजारों परिवारों ने कच्चे-पके भोजन के लिए जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों का सहारा लिया। लेकिन जिनके बीपीएल राशन कार्ड बन चुके थे, ऐसे 93 हजार कार्डधारी राशन दुकान तक पहुंचे ही नहीं। यह सिर्फ लॉकडाउन अवधि की बात नहीं है, उससे पहले से हजारों कार्डधारी बिना किसी कारण के गरीब बन चुके थे। ऐसे ही 93 हजार अपात्र राशन कार्ड को सूची से हटाए जाने है।

करोड़ों का आवंटन कहां खपा

गौरतलब है कि जिन राशन कार्डधारियों ने राशन नहीं लिया है,उनका राशन दुकानों को आवंटित कर दिया गया है। क्योंकि अभी तो बायो मैट्रिक मशीन से राशन दिया जाता है लेकिन पहले तो बिना अंगूठे लगवाएं ही राशन वितरित किया जाता था। जिसके कारण ऐसी राशन दुकानों की अगर जांच की जाए तो सैकड़ों क्विंटल अनाज की हेराफेरी उजागर हो सकती हैं।

कोई नहीं जाता राशन लेने

अधिकांश अपात्र कार्डधारियों के बारे में यही जानकारी सामने आई है कि वह विगत 6 माह या इससे ज्यादा समय तक राशन दुकान खाद्यान्न लेने नहीं गए। यदि वास्तविक गरीब होते तो एक बार तो राशन की दुकान तक पहुंचते। इसी तरह कुछ लोगों ने बच्चों का निजी व सरकारी स्कूलों में शिक्षा अधिकार कानून का फायदा उठाने, शासन की स्वास्थ्य सेवाओं में सबसिडी का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड बनाया था। फिलहाल प्रशासन अमीरों और संपन्न लोगों की सूची सार्वजनिक नहीं कर रहा है।