कैंट में ठेका कर्मियों का पीएफ नंबर मांगना बन गया गुनाह

कैंट में ठेका कर्मियों का पीएफ नंबर मांगना बन गया गुनाह

जबलपुर । कैंट क्षेत्र में नाकों पर बरसों से ठेका कर्मी के रूप में सेवाएं देने वाले दर्जन भर कर्मचारियों का अपने ठेकेदार से पीएफ नंबरपूछना गुनाह बन गया और उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया। इतना ही नहीं सभी के खातों में 90-90 हजार रुपए भी डाले गए जिन्हें बैंक खातों से कर्मचारियों से ही निकवाकर वापस ले लिया गया। इस बारे में उच्च प्रबंधन मौन है। कैंट क्षेत्र में ठेका कर्मियों के शोषण की खबर नई नहीं है। बस इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता। ठेकेदार खुलेआम शर्तों का उल्लंघन करता आ रहा है और कर्मचारियों को देय वेतन व अन्य भुगतानों में कटौती करता रहता है मगर कोई कुछ नहीं कहता। कहने को ये कर्मचारी आउट सोर्स कर्मचारी कहे जाते हैं मगर इंटरनल सभी काम तक ये करते हैं। कैं ट बोर्ड ने अपने सभी 5 नाकों पर 1 दर्जन ठेका कर्मियों को रखा था। इनके माध्यम से प्रवेश व निकास करने वाले सभी वाहनों की पर्ची कटवाई जाती हैं। फिलहाल इन सभी को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। इन कर्मियों ने बैंक स्टेटमेंट दिखाते हुए कहा कि उनके ख् ाातों में 90 हजार रुपए डलवाए गए और वापस निकलवा कर ले लिए गए। इन्हें वेतन के नाम पर मात्र 6 हजार 500 रुपए ही वेतन दिया जाता है। इस शोषण में जनप्रतिनिधि भी मौन रहते हैं। कैंट में करीब 200 ठेका कर्मी लगाए गए हैं जिनकी ठेका कंपनी सार्इं सिक्यूरिटी कंपनी है।

इन्होंने शपथ पत्र देरक की जांच की मांग

निकाले गए ठेका कर्मियों में गोकलपुर निवासी रोहित सेन व रांझी निवासी आदित्य दास ने शपथपत्र देकर कैं ट बोर्ड प्रशासन से जांच की मांग की है और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है। रोहित का कहना है कि वह 1 सितंबर 2018 से काम पर लगा था। उसे पीएफ एकाउंट नंबर पूछे जाने पर लॉक डाउन के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया है। यही हाल आदित्य दास का है।