जेयू के इतिहास में पहली बार ज्योतिर्विज्ञान के छात्रों को मिली नौकरी

जेयू के इतिहास में पहली बार ज्योतिर्विज्ञान के छात्रों को मिली नौकरी

ग्वालियर। जीवाजी विवि के इतिहास में पहली बार ज्योतिर्विज्ञान के चार छात्रों उत्सव श्रोत्रिय, ऋषिकेश दीक्षित, आशुतोष दीक्षित और श्यामसुंदर शर्मा को मुंबई स्थित ज्लेवरी और रत्नों के शोरूमों में ज्योतिष विशेषज्ञ की नौकरी मिली है। यह नौकरी छात्रों को ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला में अतिथि शिक्षक राजकुमार तिवारी के प्रयासों से मिली है। अध्ययनशाला के समन्वयक प्रो. राजेंद्र खटीक बताते हैं कि चारों छात्र कुंडली देखने के साथ राशि के रत्न खरीदने के लिए आने वाले लोगों को रत्न पहनने के फायदों से भी अवगत कराते हैं। शोरूम में इनका सिर्फ यही काम है। इनके द्वारा बिकने वाले स्वर्ण आभूषण और रत्नों में भी इन्हें कमीशन दिया जाता है। अध्ययनशाला से पहली बार छात्रों को नौकरी मिलने पर एमए ज्योतिर्विज्ञान कोर्स करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस साल सभी 20 सीटें फुल हो गई हैं। अतिथि शिक्षक राजकुमार तिवारी को ज्योतिष मार्तंड की उपाधि मिली है, इसलिए इनकी जान-पहचान स्वर्ण आभूषणों के साथ राशि के रत्नों का व्यापार करने वाले लोगों से है। इन लोगों के द्वारा ही ज्योतिष के जानकारों की डिमांड की जा रही है। तिवारी का कहना है कि मुंबई के अलावा दुबई से भी ज्योतिष के अच्छे जानकार मांगे जा रहे हैं। अध्ययनशाला के अच्छे छात्रों को भेजा जाएगा।

हर माह 40 हजार रुपए वेतन, रहने के लिए μलैट

अध्ययनशाला के समन्वयक डॉ. राजेंद्र खटीक ने बताया कि चारों छात्रों को 40- 40 हजार के मासिक वेतन पर रखा गया है। रहने के लिए μलैट और खाने की व्यवस्था शोरूम के आॅनर के द्वारा ही की गई है।

कुंडली देखने से लेकर रत्न का सुझाव देते हैं

महाराष्ट्र में अलग- अलग शोरूमों में चारों छात्रों को जॉब मिली है। हमें सिर्फ शोरूम पर ज्योतिष विशेषज्ञ के तौर पर रखा गया है। शोरूम पर आने वाले लोगों को रत्न के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ कुंडली देखना होती है। स्वर्ण और रत्न बिकवाने पर कमीशन भी मिलता है। - उत्सव श्रोत्रिय, छात्र