कंगना और नौसेना अधिकारी केस में जांच की मांग, महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एनएचआरसी गई भाजपा

कंगना और नौसेना अधिकारी केस में जांच की मांग, महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एनएचआरसी गई भाजपा

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे के नेतृत्व में सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी)  का रुख किया। उन्होंने कंगना के मामले के साथ सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी के साथ मारपीट सहित हालिया घटनाओं को की जांच की मांग की है। सांसदों ने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार की मुखर आलोचना के बाद पत्रकारों और अभिनेता कंगना रनौत के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं। 
पत्र में कहा गया है कि सरकार राज्य तंत्र की मदद से विपक्ष की किसी भी आवाज को दबा देती है। प्रधानमंत्री या विपक्ष में किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने पर महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई भेदभावपूर्ण प्रथाओं के कारण आसानी से अनदेखी की जाती है।
 एनएचआरसी के चेयरपर्सन एचएल दत्तू को लिखे पत्र में भाजपा सांसदों ने दावा किया है कि दिसंबर 2019 से महाराष्ट्र में अधिकारों का कई उल्लंघन हुआ है। पत्र में यह दावा किया जाता है कि निर्धारित अवधि के दौरान महाराष्ट्र में बोलने की स्वतंत्रता, जीवन और समानता आदि के अधिकार का उल्लंघन किया गया है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी मदन शर्मा को एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर 8 से 10 लोगों द्वारा पीटा गया था। पत्र में दावा किया गया है कि राज्य सरकार की आलोचना करने के लिए नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अधिकारों पर हमला किया गया। इसके लिए यह राज्य प्रायोजित हिंसा का सहारा लिया गया है।