कांग्रेस के पंजे पर खिला भाजपा का कमल

कांग्रेस के पंजे पर खिला भाजपा का कमल

जबलपुर। जबलपुर के राजनीतिक इतिहास का यह सबसे बड़ा धमाका है। अब तक किसी महापौर ने ऐसा नहीं किया जैसा कि शहर के प्रथम सेवक महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने किया है। उनके कदम से कांग्रेस में हड़कंप की स्थिति है। अब वे भाजपा के हो गए हैं,लिहाजा एमआईसी भंग मानी जा रही है। उनके इस्तीफे के चंद घंटों में 8 एमआईसी सदस्यों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं,जो 2 बाकी हैं उनमें हेमलता सिंगरौल व एकता गुप्ता बाकी हैं।

बताया जाता है कि अन्नू ने पार्टी बदलने की खबर किसी को नहीं होने दी और सुबह 5 बजे अकेले भोपाल के लिए निकले। दोपहर 1 बजे उन्हें मुख्यमंत्री,प्रदेश अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा की सदस्यता दिला दी। इसके बाद यह खबर बाहर आई और हड़कंप मच गया। हालाकि यह खबर पुष्ठ नहीं है मगर ऐसी चर्चा गर्म रही कि और भी कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांग्रेस छोड़ने के मूड में हैं जिनमें शीर्षस्थ नाम तक शामिल हैं।

पक्ष देने से परहेज

महापौर श्री अन्नू से उनका पक्ष जानने कई बार संपर्क किया गया मगर उनका फोन नहीं उठा। वहीं इस बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा से भी संपर्क का प्रयास किया गया उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।

नगर अध्यक्ष पद से इस्तीफा

अपुष्ट खबर के अनुसार श्री अन्नू ने नगर कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक प्रदेश कांग्रेस द्वारा उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का ब्यौरा सामने नहीं आया है।

अब ऐसी होगी नगर सरकार

जानकारों ने बताया कि अन्नू महापौर बने रहेंगे केवल उनकी एमआईसी बदल जाएगी। अब भाजपा के पार्षद एमआईसी में नजर आएंगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष भी कांग्रेस अपना बनाएगी। वर्तमान नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल एमआईसी या सचेतक की भूमिका में नजर आ सकते हैं। अब अध्यक्ष,महापौर भाजपा का होगा। जहां तक एमआईसी सदस्यों के इस्तीफे की बात है तो ऐसा नगर पालिक निगम अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि ये पद महापौर का प्रसाद पर्यंत माना गया है।

आखिर क्यों बदली अन्नू ने पार्टी

नगर निगम से लेकर पूरे शहर में बुधवार को चर्चा का एक ही विषय रहा कि आखिर कांग्रेस से पत्नी और स्वयं के 10 साल पार्षद रहने और महापौर जैसा प्रतिष्ठापूर्ण कैरियर के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि श्री अन्नू ने पाला बदल लिया। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें अपना लोकसभा प्रत्याशी भी बना सकती थी। ज्यादातर का मानना है कि कांग्रेस का भविष्य जिस तरह गर्त में जा रहा है उसे देखते हुए सांसद के चुनाव में भारी-भरकम राशि खर्च करना और सुनिश्चित पराजय के भय के चलते महापौर ने पाला बदला है। इसके अलावा भाजपा से कथित तौर पर सांसद का चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने,नगर निगम के लिए वांछित राशि दिए जाने जैसे प्रलोभन उन्हें डगमगाने के लिए पर्याप्त रहे।

किसी ने कहा किया जनमत का अपमान तो किसी ने झाड़ू लगाकर कहा हुई गंदगी साफ

महापौर के द्वारा पार्टी बदलने पर कांग्रेस के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पूर्व पार्षद तेज कुमार भगत ने कहा कि महापौर ने जबलपुर की जनता के जनमत का अपमान किया है। उन्होंने महापौर के कदम की निंदा करते हुए कहा कि जनता ने भाजपा को रिजेक्ट कर कांग्रेस के सिंबाल पर चुनाव लड़े अन्नू को विजयी बनाया था परंतु महापौर अन्नू ने अपने निजी स्वार्थों के चलते पार्टी को छोड़कर विश्वासघात किया है। वहीं एक अन्य पार्षद ने उन्हें जयचंद निरूपित किया है। एनएसयूआई ने महापौर कार्यालय के सामने झाड़ू लगाकर कहा कि कांग्रेस की गंदगी साफ हो गई है।