बाणगंगा ब्रिज दुर्घटनाओं को दे रहा न्योता, उखड़ गया प्लास्टर

बाणगंगा ब्रिज दुर्घटनाओं को दे रहा न्योता, उखड़ गया प्लास्टर

इंदौर। बाणगंगा ब्रिज के बेस में गड्ढे हो गए हैं और ब्रिज पर डाले जाल से सरिए भी बाहर निकलने लगे हैं, लेकिन ब्रिज का निर्माण करने और इसका रखरखाव करने वाली एजेंसी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे, जबकि यहां से गुजरने वाले वाहन चालक और स्ट्रक्चरल इंजीनियर ब्रिज पर हुए गड्ढे की तत्काल मरम्मत करने की बात कह रहे हैं। ब्रिज पर प्रतिदिन 2 लाख से अधिक वाहनों का दबाव है, जिसमें हैवी ट्रक और बसों की संख्या 60 प्रतिशत है। ब्रिज का निर्माण 2015 में पूरा हुआ था। मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल सेठ ने बताया कि किसी भी ब्रिज में गड्ढे होकर बेस सरिए बाहर निकलना पुल के कमजोर होने की शुरुआत होती है, जिसके बाद यह धीरे-धीरे बढ़ती है। बाणगंगा ब्रिज पर यह शुरुआती स्थिति है, जिसमें बेस कांक्रीट परत उखड़कर बाहर आ रही है और सरिए बाहर आ गए हैं। अगर समय रहते इसका सुधार नहीं होगा तो इसका आकार बड़ा होगा जो गंभीर दुर्घटना को अंजाम देगा। ब्रिज निर्माण के दौरान गर्डर डालने कांक्रीट का बेस डाला जाता है, जिसके ऊपर डामरीकरण किया जाता है।

वाहन होते हैं पंक्चर

सांवेर रोड आद्योगिक क्षेत्र में मैजिक वाहन चलाने वाले सुरेन्द्र जाटव ने बताया कि ब्रिज के अलग-अलग स्पॉन पर गड्ढे हो रहे हैं, उतार की ओर से बीच रास्ते में स्लैब के बेस का सरिया निकला हुआ। कई स्थानों गड्ढे हो गए, जिससे कांक्रीट गायब हो गया है। हमेशा गाड़ी पंक्चर होने की आशंक रहती है। दोपहिया वाहन चालकों की आए दिन गाड़ी पंक्चर होती है।

यात्री बसों का अधिक दबाव

बाणगंगा ब्रिज पर बसों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सरवटे से उज्जैन की ओर जाने वाली 150 यात्री बसें दिन में 7 से 10 फेरे लगाती हैं। इसके अलावा सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में हैवी वाहनों का आना-जाना बना रहता है। इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर के बीच भी बसों की संख्या बढ़ रही है।

सभी काम पीडब्ल्यूडी के पास

पीडब्ल्यूडी ने हमें ब्रिज हैंड ओवर किया है, जिस पर लाइटिंग, सफाई, रंगाई-पुताई और सजावट करने का काम हमारा है, लेकिन ब्रिज की मरम्मत, डामरीकरण, बेस निर्माण सहित अन्य सभी काम पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जाते हैं। ये वही करेगा। -अनूप गोयल, नगर निगम के ब्रिज सेल के इंजीनियर

रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की

बाणगंगा ब्रिज का निर्माण 2015 में पूरा हुआ था, जिसके बाद नगर निगम को हैंडओवर कर दिया है। रखरखाव की जिम्मेदारी उनकी है। यदि आवश्यकता होगी तो निरीक्षण कर देखा जाएगा। ब्रिज का टेक्निकल मेंटेनेंस करना होगा तो पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाएगा। -सूर्यनारायण सोनी, एसडीओ, पीडब्ल्यूडी