बंसल ग्रुप ने 3 साल में डॉक्टरों को कमीशन में दिए 70 करोड़ रुपए

बंसल ग्रुप ने 3 साल में डॉक्टरों को कमीशन में दिए 70 करोड़ रुपए

भोपाल। बंसल हॉस्पिटल के संचालकों ने डॉक्टरों को कमीशन के बतौर 50 से 70 करोड़ रुपए की राशि बांटी। इसमें बोगस पर्चेजिंग भी शामिल है। नकद में दी गई यह रकम आसपास के शहरों से मरीजों को बंसल हॉस्पिटल में रेफर करने वाले डॉक्टरों को दी गई। बंसल-1 प्रोजेक्ट में दुकानों के बदले 40 फीसदी राशि नकद में ली गई। सरिया और तेल फैक्ट्री में भी करोड़ों रुपए के बोगस खर्चों का ब्यौरा मिला है। बंसल ग्रुप पर आयकर विभाग की कार्रवाई के चौथे दिन विभागीय अफसरों ने कमीशन लेने वाले डॉक्टरों से पूछताछ भी की। ये डॉक्टर रायसेन, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल सहित अन्य शहरों के हैं, जो वहां के मरीजों को बंसल हॉस्पिटल रेफर करते थे। इसके बदले अस्पताल प्रबंधन उन्हें कमीशन के रूप में मोटी रकम देता था। यह रकम 3-4 साल के दौरान बांटी गई। विभाग के कब्जे में अक्टूबर 2022 का सारा रिकॉर्ड आ गया है।

40 फीसदी रकम नकद में

छानबीन में यह भी खुलासा हुआ है कि रानी कमलापति स्टेशन के समीप बन रहे बंसल-1 प्रोजेक्ट में 180 दुकानें बुक हो चुकी हैं। इन दुकानों के सौदे में 40 फीसदी रकम कैश में ली गई। करीब 36 करोड़ रुपए की राशि नकद में लिए जाने का हिसाब मिला है।

सरिया-तेल के कारोबार में बोगस खर्चे

बंसल ग्रुप की सरिया और आयल फैक्ट्री में भी बोगस खर्च और खरीद आदि का रिकॉर्ड मिला है। इन फैक्ट्रियों में खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड बुक्स आफ एकाउंट्स में दर्ज नहीं किया जा रहा था। रॉ मटेरियल की फर्जी खरीद दिखाकर पार्टी को भुगतान के रूप में चेक देकर नकद राशि लेने का खेल चल रहा था। सरिये के कारोबार में 70 करोड़ की बोगस खरीदी संबंधी दस्तावेज पहले ही मिल चुके हैं।

चौथे दिन 26 ठिकानों पर छानबीन

आयकर छापे की कार्रवाई चौथे दिन तक 8-10 ठिकानों से समेट ली गई। वहां मिले दस्तावेज और कम्प्यूटर्स का डाटा बरामद कर लिया गया है। तीन दर्जन ठिकानों पर 18 नवंबर को शुरू हुई छापामारी अब 26 ठिकानों पर सिमट गई है। विभाग ने आधा दर्जन ठिकानों पर सर्वे की कार्रवाई की थी जो पूरी हो गई, लेकिन बाकी जगह छापे की कार्रवाई और पूछताछ का सिलसिला सोमवार देर रात तक चलता रहा।