भोपाल-देवास रोड बनेगी सिक्स लेन, इछावर के पास होगा कार्गो एयरपोर्ट
डीपीआर तैयार करने आईकॉन कंपनी को ठेका, 6 माह में कंपनी देगी अपनी रिपोर्ट

भोपाल। भोपाल-देवास रोड अब 6 लेन तक चौड़ा होगा। वर्तमान में ये रोड फोर लेन है। इस रोड को इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में तैयार किया जाएगा। सीहोर-देवास के बीच में इछावर के पास कार्गो एयरपोर्ट, लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। रोड की डीपीआर तैयार करने का काम आईकॉन कंपनी को दिया गया है। कंपनी अपनी रिपोर्ट जनवरी 2024 तक देगी। बैरागढ़ में जहां बीआरटीएस कॉरिडोर समाप्त होता है, वहीं से इसे 6 लेन शुरू किया जाएगा। सड़क बनाने सरकार को भूमि अधिग्रहण नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इसके दोनों तरफ और बीच में भी अतिरिक्त टू लेन बनाने के लिए पर्याप्त जगह है। फोर लेन के दोनों तरफ दो-दो लेन बनाने पर करीब 2,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
वर्तमान कंपनी को आॅफर
वर्तमान में भोपाल-देवास रोड में टोल का संचालन, रोड के मेंटेनेंस का काम देवास-भोपाल कॉरिडोर प्राइवेट लिमिटेड के जरिए किया जा रहा है। इसी कंपनी को इस रोड को 6 लेन करने के लिए आॅफर दिया जाएगा, क्योंकि रोड के टोल संचालन का अनुबंध 2033 तक है। कंपनी यह काम नहीं लेती है तो अनुबंध निरस्त कर किसी कंपनी से अनुबंध होगा।
बनेंगे 30 ओवर ब्रिज
सड़क हादसों को रोकने के लिए इस रोड के किनारे बसे शहरों, गांवों और जहां पर इस रोड को कोई अन्य सड़क क्रॉस कर रही है, वहां पर 30 ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। इससे सड़क हादसों पर नियंत्रण हो सकेगा। बताया जाता है कि 145 किमी लंबे भोपाल-देवास रोड पर 25 जंक्शन हैं और करीब पांच से ज्यादा जगह इस रोड को अन्य रोड क्रॉस कर रही है।
क्यों किया जा रहा 6 लेन का निर्माण :
वर्तमान में इस रोड पर वाहनों का दबाव 18 हजार पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) है। पांच वर्ष बाद यह बढ़कर 25 हजार और 15 वर्ष के अंदर ये 30 हजार पीसीयू हो जाएगा। इस दबाव को कम करने के लिए इसे बनाया जा रहा है।
इंड्रस्ट्रियल कॉरिडोर बनेगी रोड
- इछावर के पास कार्गो एयरपोर्ट, लॉजिस्टिक हब बनेगा।
- पीपीपी मोड पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर तैयार किया जाएगा।
- क्लस्टर में सूक्ष्म, मध्यम और बड़े उद्योग स्थापित होंगे।
- भोपाल बाइपास को जोड़ा जाएगा, ताकि मंडीदीप सीधे जुड़ सके।
- रोड के बीच-बीच में एग्रो इंड्रस्ट्री हब भी तैयार किए जाएंगे।
सिक्स लेन से ये होगा लाभ
- भोपाल से इंदौर की दूरी ढाई घंटे में तय की जा सकेगी।
- सड़क किनारे बसे गांव और शहरों के पास जाम नहीं लगेगा।
- μलाई ओवर बनने से वाहन चालकों को जाम से निजात मिलेगी।
प्रोजेक्ट अभी प्रारंभिक स्टेज पर है। इसके निर्माण व संभावनाओं को देखने के लिए डीपीआर तैयार करने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है। - सुनील जैन, चीफ इंजीनियर, एमपीआरडी