मरीज के पैर की नस में की-होल टेक्नीक से बंद कर दिया ब्रेन एन्यूरिज्म

जबलपुर। ब्रेन एन्यूरिज्म (मस्तिष्क के नसों की बीमारी) ऐसी बीमारी है जिनके फटने से मस्तिष्क आघात ( स्ट्रोक) होता है अब इसका उपचार बिना ऑपरेशन के संभव कर दिखाया है जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के न्यूरो रेडियोलाजी विभाग की विशेषज्ञों की टीम ने। 100 वें मरीज के सफल उपचार के बाद न्यूरो रेडियोलॉजी विभाग की असि. प्रोफेसर डॉ. निष्ठा यादव ने बताया ब्रेन एन्यूरिज्म ऐसी बीमारी है जिनके फटने से मस्तिष्क आघात ( स्ट्रोक) हो जाता है तथा मरीज अपंग हो जाता है। कई की मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो जाती है।
पहले सिर की हड्डी को काट कर बंद करते एन्यूरिज्म
डॉ. यादव ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व तक इसके इलाज के लिए पूरे राज्य में केवल बड़े ऑपरेशन जिसमें सिर की हड्डी को काट कर एन्यूरिज को बंद किए जाने की सुविधा थी। लेकिन वर्ष 2020 में प्रदेश में पहली बार सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इसके इलाज के लिए बिना ऑपरेशन वाली विधि ब्रेन एन्यूरिज्म की-होल टेक्नीक की शुरूआत की गई। और इस माह इस टेक्नीक के द्वारा 100 वें मरीज का सफल इलाज करने में हम सफल रहे।
क्या है की-होल टेक्नीक
डॉ.यादव ने बताया इस विधि में मरीज के जांघ की नस में की-होल से एक सूक्ष्म कैथेटर द्वारा मस्तिष्क के एन्यूरिज्म को अंदर से बंद कर दिया जाता है।
मरीजों के लिए उपलब्ध करा रहे है हर संभव सुविधाएं
संस्थान के डायरेक्टर डॉ. अवधेश सिंह कुशवाह ने 100 वें मरीज के सफल ऑपरेशन पर टीम डॉ. निष्ठा यादव, डॉ. केतन हेडू एवं एनेस्थीसिया टीम के साथ स्टाफ को बधाई दी। डॉ. कुशवाहा ने बताया कि इस सुविधा का वास्तविक लाभ गरीब मरीजों को मिल रहा है। मरीजों के लिए हमारा प्रयास है कि हर संभव सुविधाएं हम उपलब्ध करा पाएं।