ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को बड़ी सर्जरी से मिलेगी मुक्ति, अब मैग्नेटिक सीड के जरिये हो जाएगी प्रभावित टिशू की पहचान

ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को बड़ी सर्जरी से मिलेगी मुक्ति, अब मैग्नेटिक सीड के जरिये हो जाएगी प्रभावित टिशू की पहचान

लंदन । ब्रेस्ट कैंसर में अब बड़ी सर्जरी से नहीं गुजरना होगा। इसके स्थान पर मरीज की आर्मपिट में एक मैग्नेटिक सीड प्रत्यारोपित किया जाएगा। चावल के दाने से भी छोटी इस सीड से कैंसर के टिश्यू को पहचानने में मदद मिलेगी, जिससे स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे कैंसर से ग्रस्त कोशिका को ही शरीर से हटाया जाएगा।

 स्वस्थ कोशिकाएं बच जाएंगी 

प्रत्यारोपण के बाद मैगसीड एक सूचक की तरह कार्य करेगा, जिससे सर्जन को सिर्फ उस हिस्से को पहचानने में मदद मिल सकेगी जो कैंसर से ग्रस्त है और प्रभावित नोडस के आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं बच जाएंगी।

 अभी आती है यह समस्या 

वर्तमान में आर्मपिट की पूरी लिम्फ ग्लैंड को हटाना पड़ता है, क्योंकि यहां से ट्यूमर सेल्स फैलती हैं। लिम्फ ग्लैंड या नोड लिम्फैटिक सिस्टम का महत्वूपर्ण भाग होता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इन्हें हटा देने से बांह में आने-जाने वाला संचार तो बाधित होता ही है साथ ही क्रॉनिक पेन एवं सूजन यानी लिम्फोडेमा की समस्या भी हो सकती है।

 इन समस्याओं से मिलेगी निजात

ब्रेस्ट कैंसर में कई परीक्षणों के दौर से गुजरना पड़ता है। यह जानने के लिए कैंसर आर्मपिट की लिम्फ नोड तक तो नहीं पहुंच गया है कई एक्स-रे लिए जाते हैं। रोग की पुष्टि के लिएबायोप्सी भी करनी पड़ती है, जिसमें समस्याग्रस्त लिम्फ नोड से टिशू का एक छोटा टुकड़ा लेकर उसका परीक्षण किया जाता है। लेकिन मैग्नेटिक सीड से इन सब प्रक्रियाओं से ज्यादा नहीं गुजरना होगा।