परिवहन के लिए बजट का टोटा गौ-शालाओं में नहीं आ पा रहे सांड

परिवहन के लिए बजट का टोटा गौ-शालाओं में नहीं आ पा रहे सांड

जबलपुर। गौ-वंश के नस्ल सुधार के लिए गौ- शालाओं में दिये जाने वाले (गिर व साहीवाल नस्ल) सांड परिवहन के लिए बजट नहीं होने से अटक गये हैं। संभाग का मुख्यालय जबलपुर जिले के अंतर्गत संचालित गौ-शालाओं में 20 सांड दिये जाने हैं। ऐसे में पशुपालन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगता हुआ नजर आ रहा है।

इन फार्मों में है 50 से ज्यादा सांड

जानकारी के मुताबिक पशुपालन प्रजनन प्रक्षेत्र इमली खेड़ा जिला छिंदवाड़ा में 304 गौ-वंश है तथा 34 साहीवाल नस्ल के 2 से 3 वर्ष के सांड प्रजनन के लिए गौशालाओं को देने के लिए उपलब्ध है। वहीं पशु प्रजनन प्रक्षेत्र गढ़ी जिला बालाघाट 294 गौ- वंश है तथा 30 गिर एवं साहीवाल नस्ल के सांड गौ-शालाओं को देने के लिए उपलब्ध है।

गौ-शाला संचालकों से चल रही चर्चा

बताते हैं इन सांडों को फार्म से गौ- शाला तक पहुंचाने के लिए बजट नहीं मिलने के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी गौ-शाला संचालकों से इस बात को लेकर चर्चा कर रहे हैं वे अपने खर्चे पर इन सांडों को ले आए। लेकिन अभी तक किसी भी गौ-शाला प्रबंधन ने इसके लिए अपनी हामी नहीं भरी है। ऐसे में अब बजट आने के बाद ही सांडों का परिवहन हो पाना संभव बताया जा रहा है।

2021 में शुरू हुई योजना

पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया वर्ष 2021 में यह निर्णय लिया गया था योजना प्रारंभ से अभी तक 27 सांडों का वितरण किया जा चुका है।