कूनो में चीतों का पहला कदम अब रफ्तार की बारी

कूनो में चीतों का पहला कदम अब रफ्तार  की बारी

ग्वालियर/श्योपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन पर मप्र की धरती में एक बार फिर चीतों ने कदम रखे। 1948 के बाद 74 साल बाद देश में यह मौका आया, जब मप्र में चीतों की चहलकदमी दिखी। पीएम मोदी ने कूनो में खुद 3 चीतों को पिंजरे से आजाद किया और इस नजारे को खुद कैमरे में कैद किया। उन्होंने कहा- हम चीतों को कूनो में इसलिए लेकर आए, क्योंकि हमे श्योपुरवासियों और मध्यप्रदेश सरकार पर पूरा भरोसा है। चीतों को कूनो में बनाए गए बाड़े में छोड़ा गया है। भारी भीड़ के बीच उन्होंने सभी से हाथ उठवाकर पूछा- भरोसा कायम रहेगा, इसके लिए तालियां भी बजवार्इं। प्रधानमंत्री ने कूनो में चीता छोड़ने के बाद कहा कि अफ्रीका से आए चीते हमारी दोस्ती की नायाब मिसाल हैं। हमने विश्व को देश की जीव प्रेम की शक्ति का परिचय करा दिया है। 70 साल पहले भारत से इनकी विदाई हो चुकी थी एक बार फिर अफ्रीका से यह चीते भारत में आए हैं और मध्यप्रदेश के कूनो में इनका नया बसेरा होगा। उन्होंने कहा- ये चीते लंबा सफर करके आए हैं, इसलिए इन्हें फिलहाल परेशान नहीं करना है। इनकी सुरक्षा अब हमारी जिम्मेदारी है। बिग कैट में शामिल चीतों के कूनो आने से न सिर्फ श्योपुर बल्कि प्रदेश भर के वन्यप्रेमियों को मुस्कराने का अच्छा मौका मिला है। मोदी ने अफीका सरकार को भी धन्यवाद दिया।

चीते दौड़ेंगे तो पर्यटन और रोजगार भी रμतार पकड़ेगा

मोदी ने कहा- चीते मेहमान बन कर आए हैं। क्षेत्र से अंजान हैं। इसे वे अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें उन्हें समय देना होगा। भारत अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों पर चलते हुए चीतों को बसाने की कोशिश कर रहा है। चीते जब कूनो में दौड़ेंगे, तो जैवविविधता बढ़ेगी। यहां विकास की नई संभावनाएं, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

स्व-सहायता समूह अब राष्ट्र सहायता समूह बन गए

पीएम ने स्व-सहायता समूह से जुड़ी आदिवासी महिलाओं से कहा कि आपने 2014 से पहले स्वसहायता समूह बनाए होंगे। आपके परिश्रम से ये राष्ट्र सहायता समूह बन गए हैं। सरकार आपकी मदद में पीछे नहीं रहेगी। पहले 10 लाख का लोन मिलता था, अब 20 लाख का मिलेगा। फूड प्रोसेंसिंग के लिए 3 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

चिनूक हेलिकॉप्टरों से पहुंचे चीते

चीतों को ग्वालियर एयरपोर्ट पर सुबह 9:45 बजे लाया गया था। इसके बाद सेना के चिनूक हेलिकॉप्टरों से उन्हें कूनो पहुंचाया गया। मोदी भी ग्वालियर से हेलिकॉप्टर के जरिये कूनो पहुंचे। यहां राज्यपाल मंगूभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव भी थे।

देश में चीतों का पुनर्स्थापन सदी की वाइल्ड लाइफ की सबसे बड़ी घटना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में चीतों की पुनर्स्थापना के लिए कूनो को चुनना प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। चीता भारत में समाप्त हो गया था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चीते को फिर से पुनर्स्थापित करने का ऐतिहासिक काम हो रहा है। यह सदी की वाइल्ड लाइफ की सबसे बड़ी घटना है। इससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां भी तेज होंगी।

हर साल मां के पैर छूने जाता हूं... इस बार लाखों आदिवासी माताओं-बहनों के बीच जन्मदिन मना रहा हूं]

प्रधानमंत्री अपनी मां को याद करना नहीं भूले। उन्होंने कहा- हर बार मां के पैर छूने जाता हूं। लेकिन, इस बार मेरा जन्मदिन अपनी मां के साथ नहीं, बल्कि लाखों आदिवासी माताओं और बहनों के साथ मन रहा है। इस बार आपके बीच हूं, इसलिए वहां नहीं जा सका। क्योंकि, मुझे आप जैसी मातृशक्ति का आशीर्वाद लेने आना था।