बिल्डिंग एप्रूवल सिस्टम में नहीं है सिटीजन सर्च
ग्वालियर।सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने व हरकाम आॅनलाइन करने की मंशा को ई-नगर पालिका के आॅटोमेटिक बिल्डिंग एप्रूवल सिस्टम (एबीपीएस-2) से पलीता लगाया जा रहा है। बिल्ड़िग परमिशन सेक्शन में गड़बड़झाले के पकड़ में न आने के चलते सिस्टम में सिटीजन सर्च के साथ निगम में अपने अधीनस्थ की लगाई टीप तक न पढ़ने की व्यवस्था बंद करा दी गई है। यहीं कारण है कि लॉकडाउन व अनलॉक-3 में शहर के आम आॅनलाइन सिस्टम से परमिशन की जानकारी न मिलने के चलते आर्किटेक्ट व निगम अधिकारियों के पास धक्के खाने को मजबूर हो रहे है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने 30 अक्टूबर 2019 को ई-नगर पालिका के माध्यम से बिल्डिंग परमिशन के नए सिस्टम एबीपीएस-2 को लागू किया था। लेकिन लागू होने के तत्काल बाद ही नए सिस्टम से ग्वालियर में परमिशन लेने वाले लोगों व देने वाले अधिकारियों के लिए जी का जंजाल बन गया है। क्योंकि नए सिस्टम में लगभग 350 से ज्यादा परमिशन अटकी हुई है और निगमायुक्त संदीप माकिन ने पहले सिटी प्लानर के बाद 125 वर्गमीटर तक भवन अधिकारी, 126 से 200 वर्गमीटर तक एसीपी के अलावा 201 से 400 तक सिटी प्लानर व उससे ऊपर के क्षेत्र के लिए खुद प्लाट वैरिफिकेशन करने जैसे प्रयोग लगातार किए जा रहे है। बिगड़ी व्यवस्था के चलते मुख्यालय में बैठे अधिकारी प्लाट/दस्तावेज के संबंध में फील्ड में रहने वाले अधीनस्थों द्वारा आॅनलाइन टीप तक नहीं पढ़ पा रहे है। जिसके चलते परमिशन में गलत व निगेटिव जानकारी को बिना देखे वरिष्ठ अधिकारियों को पॉजिटिव मानकर अपनी टीप लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। चोरी पकड़ने के लिए बंद किया सिटीजन सर्च निगम अधिकारियों द्वारा बिल्ड़िग परमिशन में नियमों को ताक पर रखने का सिलसिला आम है और उसी चोरी को आम लोगों की पकड़ में आने से बचाने के लिए पूरे सिस्टम से सिटीजन सर्च को पूरी तरह गायब कर दिया गया है। साथ ही आॅनर व आर्किटेक्ट सर्च रखा गया है। लेकिन आम आदमी के सिस्टम में जानकार न होने पर अधिकारियों के चक्कर लगाए जा रहे है। 30 दिन के आदेश 95 दिन में भी हो रही परमिशन नगरीय प्रशासन विभाग की कमान संभालने के दौरान निवर्तमान आयुक्त पी.नरहरि ने नई बिल्डिंग परमिशन सिस्टम एबीपीएस-2 में 30 दिन के अंदर भवन निर्माण अनुमति देने के निर्देश दिए थे, लेकिन वर्तमान में 150 दिन बाद भी नए सिस्टम से बिल्डिंग परमिशन जारी नहीं हो पा रही है। लेटलतीफी पर अधिकारी सिस्टम को दोषी बताकर पल्ल झाड़ रहे है। आप मुझें पूरी बात व्हाट्सअप कर दे, मैं इस विषय को देखता हूं। निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग, ग्वालियर