स्वच्छता के दावे खोखले, 38 वार्डों में 7 करोड़ ज्यादा खर्च करने के बाद भी सफाई नदारद

स्वच्छता के दावे खोखले, 38 वार्डों में 7 करोड़ ज्यादा खर्च करने के बाद भी सफाई नदारद

जबलपुर। शहर के 38 वार्डों की सफाई का निजाम पहले भी निजी हाथों में था और अब भी है,अंतर केवल निजाम बदलने का है। पहले समितियों के हाथों में यह काम था अब 5 निजी कंपनियां यह काम कर रही हैं। अब तक इसमें साढ़े 15 करोड़ रुपए सालाना भुगतान होता था मगर पिछले 2 साल से 22 करोड़ रुपए नगर निगम भुगतान कर रहा है। नई व्यवस्था में निगरानी और सुधार के दावे तो किए जा रहे हैं मगर ये कैसे संभव होगा इस पर स्पष्ट उत्तर से जिम्मेदार कतरा रहे हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि निगरानी करने का ऑन लाइन दावा किया गया है मगर अब तक न तो आरएफआईडी चिप ही लगने के बाद सिस्टम से कनेक्ट हो पाई हैं और न ही ऑन लाइन मॉनीटरिंग सिस्टम ही चालू है। इसके अलावा कचरा उठाने वाले सभी वाहनों में भी जीपीएस नहीं लगा है। ऐसे में अधिकारी ऑन लाइन मॉनीटरिंग सफाई की कैसे करेंगे।

कर्मचारी बढ़े पर रिजल्ट नहीं

नगर निगम में महापौर ने 1 हजार सफाई कर्मचारी अनुबंध के आधार पर बढ़ाए इसके अलावा वार्डों में सफाई गैंग के लिए भी अतिरिक्त कर्मचारी लगाए गए जाहिर है कि इस सब से नगर निगम के खजाने पर भार भी बढ़ा,इससे सफाई व्यवस्था में कायदे से गुणात्मक सुधार नजर आना चाहिए था मगर ऐसा दिखा नहीं। खर्च दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है मगर सफाई व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है।

पूरे कर्मचारी नहीं मौजूद रहते

हर वार्ड में बीटें नियत हैं जहां सुपरवाइजर को सफाई कर्मचारियों की हाजरी थंब इंप्रेशन से लेना नियम में है। इसका पालन नहीं होता। इसकी निगरानी के लिए उपायुक्त से लेकर अपर आयुक्त स्तर तक के अधिकारियों की ड्यूटियां लगाई गईं मगर आज तक नतीजा ढाक के तीन पात है। ठेका कंपनियां कम कर्मचारी लगाकर ज्यादा दर्शाती हैं और अपनी और चहेतों की जेबें भर रही हैं।

4 साल से ये कंपनियां कर रहीं काम

जिन 5 कंपनियों को शहर के 38 वार्डों में सफाई का ठेका दिया गया है उन्हें 5 जोनों में विभाजित कर काम दिया गया है। इनमें व्यवस्था को इस तरह से विभक्त किया गया है- 

  • जोन क्र 1 से 4 तक की जिम्मेदारी बर्फानी कंपनी को। 210 सफाई कर्मी
  • जोन क्र5,6,7 व 12,13 की जिम्मेदारी अल्ट्रा कंपनी को। 350 कर्मी
  • जोन क्र 9,10,11 को मां नर्मदा संरक्षण समिति को।350 कर्मी
  • जोन क्र 10,14,15 को मां नर्मदा समिति को। 350 कर्मी 
  • जोन क्र 08 और 16 को आर प्रियांश को। 455 कर्मी