यशोदा गृह निर्माण सोसायटी का कॉलोनाइजर्स का लाइसेंस निरस्त
ग्वालियर। न्यू सिटी सेंटर स्थित यशोदा रेजीडेंसी टाउनशिप तैयार करने वाली यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति का नगर निगम ने कॉलोनाइजर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। साथ ही पीएनबी में जमा बैंक गारंटी राशि 5 लाख को भी मय ब्याज के राजसात कर लिया है। उल्लेखनीय है कि निगम द्वारा पहले ही यशोदा के तीन प्रोजेक्टों की विकास अनुज्ञा व अनुमति निरस्त की जा चुकी है। साथ ही निगमायुक्त के निर्देश पर निगम अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता द्वारा घोटाले की निशानदेही कर अन्य जानकारी जुटाकर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति के खिलाफ टाउनशिप में आधा दर्जन से अधिक गड़बड़ियां करने की शिकायतें जिला प्रशासन तक जा पहुंची थीं। जिसमें ईडब्ल्यूएस व एलआईजी का निर्माण न होना, बिना पंजीयक की अनुमति लिए व्यवसायिक भूमि बेचने, डुप्लेक्स की रजिस्ट्री प्लाट के रूप में करने, संस्था से बाहरी लोगों को प्लाट बेचने, प्लांट बेचने के दौरान सदस्यों की वरिष्ठता का उल्लंघन करने, सदस्यता सूची व अन्य रिकार्ड उप पंजीयक को न भेजने जैसे कई आरोप सिद्ध पाए गए थे और टीएंडसीपी सहित निगम ने परमिशन निरस्त कर दी थी। वहीं जारी कार्रवाई के चलते निगमायुक्त किशोर कान्याल ने सात बिंदुओं पर आदेश जारी किए थे, जिसमें संस्था के कॉलोनाइजर लाइसेंस के बदले बंधक रखी पांच लाख रुपए की बैंक गारंटी को जब्त करने व खाली पड़े भूखंडों और संपत्तियों को राजसात करने के निर्देश थे।
लाइसेंस निरस्त कर राजसात की राशि
निगम अधिकारियों ने यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति को कॉलोनाइजर लाइसेंस 11 अक्टूबर 2019 से 19 सितंबर 2022 तक के लिए जारी किया था, लेकिन जारी शिकायतों के चलते निगमायुक्त किशोर कान्याल द्वारा कॉलोनाइजर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया है और पंजाब नेशनल बैंक में जमा राशि 5 लाख को मय ब्याज के राजसात कर लिया है।
बुलाने पर भी नहीं आया कोई सुनवाई में
यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति के खिलाफ टाउनशिप के लिए जारी शिकायतों के चलते अधिकारियों ने मामले में सुनवाई रखी थी और शिकायतकर्ताओं को सूचना भी दी थी, लेकिन कोई भी शिकायतकर्ता निर्धारित समय पर बुलाने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा और अधिकारियों को कोई जवाब भी नहीं मिला।
पानी का कनेक्शन फिर से देने पर उठ रहे हैं सवाल
यशोदा गृह निर्माण सहकारी समिति में निगम ने जलकर की बकाया राशि जमा न करने पर पानी का कनेक्शन काट दिया था, लेकिन सोसायटी संचालकों ने यशोदा आश्रय सामाजिक कल्याण समिति के नाम से नया कनेक्शन लेने का कारनामा निगम अधिकारियों की मिलीभगत से कर लिया। जिसके बाद निगम अधिकारियों की बिल्डर के साथ सांठगांठ होने के सवाल उठ रहे हैं।