आयोग ने विस और लोस के चुनाव एक साथ कराने की अटकलों पर लगाया विराम

आयोग ने विस और लोस के चुनाव एक साथ कराने की अटकलों पर लगाया विराम

भोपाल। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्य सरकारों का कार्यकाल समाप्त होने के ठीक पहले चुनाव कराए जाएंगे। संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में इसको लेकर स्पष्ट प्रावधान हैं। इस हिसाब से निर्वाचन आयोग चुनाव के 6 माह पहले से तैयारियों पर काम शुरू कर देता है, जो चल रही है। भाजपा द्वारा घोषित 39 प्रत्याशियों द्वारा खर्च की जा रही राशि को निर्वाचन व्यय में जोड़ने के प्रश्न पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशी माना जाता है और उस समय पूरी नजर रखी जाएगी। राजनैतिक पार्टियों द्वारा घोषणा पत्र में रेवड़ी बांटने तथा लोकलुभावने घोषणाओं पर अंकुश लगाने के सवाल पर आयोग ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कर्मचारियों को नहीं मिलेगी डाक मतपत्र की सुविधा : कर्मचारियों को नहीं मिलेगी डाक मतपत्र की सुविधा इस बार चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को घर से डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की सुविधा नहीं मिलेगी। उन्हें प्रशिक्षण और चुनाव ड्यूटी पर रवाना होने से पहले फेसिलिटी सेंटर पर मतदान करना होगा। गड़बड़ियों को देखते हुए इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है।

मतदाता की अनुमति के बिना सूची से नाम नहीं हटेगा

राजीव कुमार ने बताया कि राजनीतिक दलों ने परिवार के सभी सदस्यों के नाम एक केंद्र पर रखने, अपात्रों के नाम हटाने की मांग की थी। इसके लिए सभी मतदाता सूची में नाम देखें और यदि कोई त्रु़टि है, तो उसमें सुधार के लिए आवेदन करें। इसका ध्यान रखा गया है। लेकिन, बिना मतदाता के अनुमति के किसी का भी नाम सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। ईसी ने आज सुबह प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की।