संगीत विश्वविद्यालय में लोक कलाओं पर चलेंगे पाठ्यक्रम
ग्वालियर। संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को राजा मानसिंह संगीत व कला विवि की साधारण परिषद की बैठक भोपाल में हुई। बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी कि यह आठ साल बाद हुई। इससे पहले वर्ष 2014 में बैठक हुई थी। सदस्य अनीता करकरे और अतुल अधौलिया ने विलुप्त होती लोक कलाओं को बचाने के लिए कलाओं को पाठ्यक्रम में लाने का प्रस्ताव रखा। मेंबरों का कहना था कि लोक कलाओं का पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने से लोग कलाओं और इससे जुड़े वाद्य यंत्रों को जान सकेंगे।
मंत्रालय मंत्री और सचिव ने प्रस्ताव पर सहमति दर्ज कराई। शुरूआत में लोक कलाओं पर सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जाएंगे। सकारात्मक परिणाम आने पर डिप्लोमा व स्रातक स्तर पर भी कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा विवि का नाम राजा मानसिंह के स्थान पर महाराजा मानसिंह संगीत व कला विवि किए जाने का निर्णय लिया गया।
कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर ने विवि में शिक्षकों, कर्मचारियों के स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों की जानकारी रखते हुए कहा कि पदों के रिक्त होने के कारण विवि में पढ़ाई, लिखाई व कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ा। मेंबरों ने भी कुलपति की बात का समर्थन किया। मंत्री ठाकुर ने रिक्त पद जल्द भरे जाने का आश्वासन दिया। बैठक में विवि के प्रशासनिक भवन का विस्तार, कुलपति, कुलसचिव और कर्मचारियों के आवास पर चर्चा हुई, जिन पर मंत्री का रुख सकारात्मक रहा। विवि में वर्ष 2014 से लेकर 2023 तक हुई कार्यपरिषद, विद्या परिषद और वित्त समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों का अनुमोदन हुआ।
एमए प्राइवेट चित्रकला मामले में विद्या परिषद की बैठक जल्द होगी
विवि के कार्यपरिषद सदस्य अतुल अधौलिया ने बताया कि एमए प्राइवेट चित्रकला में प्रवेश के नियम पूर्ववत करने के लिए विद्या परिषद की बैठक जल्द होगी। छात्रों को पहले नियम के तहत ही प्रवेश दिए जाएंगे। विवि ने बीए और डिप्लोमा वाले छात्रों को ही प्रवेश का नियम बना दिया था, जिसे लेकर 29 मार्च को ईसी मेंबर सीपी सिकरवार ने कार्यपरिषद की बैठक में प्रमुखता से उठाया था और प्रवेश का नया नियम वापस लेने को कहा था।
सालों बाद हुई साधारण परिषद की बैठक में लोक कलाओं को बचाने के लिए पाठ्यक्रम शुरू करने व विवि का नाम राजा मानसिंह के स्थान पर महाराजा मानसिंह संगीत व कला विवि करने पर बड़े निर्णय हुए हैं। अतुल अधौलिया, सदस्य कार्यपरिषद व साधारण परिषद संगीत विवि