स्ट्रेस फ्री होने के लिए शिरोधारा, अभ्यंग और थैरेप्यूटिक मसाज का क्रेज बढ़ा

प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में तमाम तनावों के बीच इंसान के पास राहत पाने के लिए योग, ध्यान का सहारा रहता है लेकिन इसके अलावा कई लोग थैरेप्यूटिक मसाज भी लेते हैं ताकि शरीर में आ रही जकड़न, खिंचाव और मानसिक तनाव को रिलीज किया जा सके। कोविड में कई लोगों ने अपनों को खोया और उनकी स्मृतियां जब-तब उदासी पैदा कर देती हैं जिससे मस्तिष्क परेशान महसूस करता है। जरूरी नहीं कि किसी बीमारी के होने पर ही थैरेप्यूटिक मसाज जैसी सुविधाओं का लाभ लिया जाए बल्कि रोजमर्रा के जीवन में दिमाग और शरीर को रिलेक्स रखने के लिए भी लोग अब भारतीय पद्धति की मसाज जिसमें जड़ी- बूटियों से मालिश, अलग-अलग तरह की शिरोधारा, अभ्यंग(बॉडी मसाज), स्टोन मसाज आदि ले रहे हैं। नेशनल थैरेप्यूटिक मसाज अवेयरनेस डे के मौके पर जानिए अलग-अलग तरह की मसाज के फायदे।
नस्य थैरेपी
इस थैरेपी में सिर और कंधे के एरिया में हल्की मालिश और सेंक दी जाती है। इसके बाद नाक में घी डाला जाता है। यह क्रिया मस्तिष्क के क्षेत्र को साफ करने का काम करती है। इससे सिरदर्द, बालों की समस्याओं, नींद की गड़बड़ी, तंत्रिका संबंधी विकार, क्रोनिक राइनाइटिस और श्वसन समस्याओं जैसे विभिन्न लक्षणों को कम किया जा सकता है।
शिरोधारा
आयुर्वेदिक तरीके से सिर की मालिश की जाती है। नसों की कार्यप्रणाली को स्थिर करने व मस्तिष्क को शांत करने के लिए यह की जाती है। यह एक तरह की हेड मसाज है जिससे मेमोरी में भी सुधार होता है।
अभ्यंग
यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक मसाज है जिसमें शरीर की विभिन्न जड़ी-बूटियों के तेल से मालिश की जाती है, लेकिन हर व्यक्ति की आयुर्वेद के मुताबिक जांच के बाद तय किया जाता है कि किसे कौन की औषधीय मसाज देना है।
स्टोन मसाज थैरेपी
स्टोन मसाज थैरेपी में ठंडे और पानी में गर्म किए पत्थरों से शरीर में दबाव और गरमाहट पहुंचाकर शरीर की थकान मिटाते हैं। इसमें पत्थरों को तेल में डुबोकर पॉलिश करते हैं और पीठ व कमर पर रखते हैं।
लॉन्ग सीटिंग्स वालों को मिलता है आराम
जिस तरह गाड़ी की सर्विसिंग कराते हैं ऐसी ही बॉडी की सर्विसिंग पंचकर्म चिकित्सा के जरिए की जाती है। केरल पंचकर्म कराने के लिए आवश्यक नहीं है कि आप किसी बीमारी के शिकार हों। आयुर्वेद का प्रयोजन ही शुरू से रहा है स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना। हमारे पास अधिकतर स्पोंडिलाइटिस संबंधित समस्याओं व रिलेक्सेशन चाहने वाले आते हैं। डॉ. नेहा रेजा, डायरेक्टर, केरल आयुर्वेद
हाउस वाइफ भी ले रहीं रिलेक्सेशन थैरेपी
शिरोधारा यानी एक तरह की हेड मसाज को अब प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स, हाउस वाइफ सभी करा रहे हैं। जब शिरोधारा करते हैं तो ब्रेन डीप रेस्ट में जाता है। वहीं थैरेप्यूटिक मसाज अभ्यंग में व्यक्ति की तासीर के मुताबिक शरीर की मसाज की जाती है जिससे शरीर रिलेक्स होता है। डॉ. ऋषि मिश्रा डायरेक्टर, अमृतम आयुर्वेद