करोड़ों खर्च कर बनाए वर्टिकल वॉल गार्डन देखरेख न होने से पौधे सूखे

करोड़ों खर्च कर बनाए वर्टिकल वॉल गार्डन  देखरेख न होने से पौधे सूखे

भोपाल ।  गुलमोहर कॉलोनी में लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया वर्टिकल वॉल गार्डन पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। आयरन फे्रम में बनी वर्टिकल वॉल में लगाए गए डिनेलिया ग्रास, स्क्रेटिया पर्पल, एरसिन रीप, एस्परेगस स्प्रिंगेरी और रोयो प्रजातियों के पौधे न सिर्फ सूख चुके हैं, बल्कि जिन छोटे-छोटे गमलों में इन्हें रोपा गया था, उनसे न सिर्फ मिट्टी गायब है, बल्कि गमले भी गायब हो गए हैं। दो साल पहले मुंबई और पुणे की तर्ज पर भोपाल की खूबसूरती बढ़ाने के लिए वर्टिकल गार्डन का प्रयोग किया गया। सबसे पहले नगर निगम की उद्यान शाखा ने पॉलीटेक्निक चौराहा रोटरी के साथ ही रवींद्र भवन के पास दो वर्टिकल वॉल बनाई थीं। इन वर्टिकल वॉल्स में छोटे गमलों में रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों वाले पौधे लगाए गए थे। यह काम संजय लैंडस्कैप सॉल्यूशंस ने किया था। तब इस वर्टिकल गार्डन वॉल्स को बनाने में 10 लाख रुपए खर्च हुए थे। उसके बाद नगर निगम ने चौराहों और पॉश कॉलोनियों आदि में वर्टिकल वॉल गार्डन लगाए। पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम वर्टिकल गार्डन्स बनाने पर खर्च की गई थी।

 गमलों में मिट्टी की जगह डाली गई है नारियल की भूसी 

गौरतलब है कि वर्टिकल वॉल में डिनेलिया ग्रास- 612, स्क्रेटिया पर्पल-1136, एरसिन रीप- 600, एस्परेगस स्प्रिंगेरी864, रोयो-632 प्रजातियों के पौधे लगाए गए थे। इनके गमलों में मिट्टी की जगह नारियल की भूसी, थर्माकोल आदि का खाद डाला गया, ताकि गमलों पर ज्यादा भार न पड़े और ये टूटकर नीचे नहीं गिरें । इन पौधों को हरा-भरा बनाए रखने के लिए दिन में तीन- चार बार पानी देना था, लेकिन वर्तमान में हालत यह है कि इन्हें कई दिनों तक पानी नहीं दिया जा रहा है। इससे ये सूख रहे हैं।

 पौधों की देखरेख कैसे करनी है, नहीं तैयार किया खाका 

लापरवाही और अनदेखी के चलते हर जगह यह प्रयोग असफल होता नजर आ रहा है। रवींद्र भवन, शिवाजी चौराहा, महाराणा प्रताप चौराहा, स्मार्ट सिटी कार्यालय, दस नंबर स्थित जोन कार्यालय आदि स्थानों पर वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार की गई थीं। लेकिन तेज गर्मी, बारिश और सर्दी में पौधों को बचाने और सहेजने के उपाय नहीं सोचे गए। नतीजा पौधे सूख गए। विशेषज्ञों की मानें तो वर्टिकल गार्डन वॉल तैयार करने से पहले अधिकारियों को हर मौसम में पौधों के संरक्षण व रखरखाव का खाका तैयार करना था ।

स्मार्ट सिटी ने वर्टिकल गार्डन में खर्च किए 16 लाख रुपए

कुछ वर्टिकल गार्डन स्मार्ट सिटी ने भी बनवाए, लेकिन उनका रखरखाव नहीं किया जा सका। गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी कार्यालय के शुभारंभ के समय बनाया गया वर्टिकल गार्डन एक महीने में ही सूख गया था। इस गार्डन पर करीब 16 लाख रुपए खर्च किए गए थे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका उद्घाटन किया था।

टेंडर में मेंटेनेंस का जिक्र नहीं

दलचस्प बात ये है कि नगर निगम द्वारा शहर में वर्टिकल वॉल गार्डन लगाने के लिए बाकायदा टेंडर निकाले गए थे। बाद में यह काम नगर निगम ने अशोक पुरुषवानी को दिया था। हैरत की बात है कि इस कॉन्ट्रैक्ट में कहीं भी पौधों के मेंटनेंस और सिंचाई का जिक्र नहीं किया गया था। इसके चलते रखरखाव पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

सूखे पौधों को रिप्लेस करेंगे

वर्टिकल गार्डन्स की देखरेख की जाती है। जहां भी गार्डन्स में पौधे सूखे हैं, उन्हें रिप्लेस किया जाएगा। ऐसी स्थिति क्यों बन रही है, यह भी देखा जाएगा। विनोद शुक्ला, उपायुक्त, नगर निगम