जान जोखिम में डाल पुल करते हैं पार, कभी भी हो सकती है दुर्घटना

जान जोखिम में डाल पुल करते हैं पार, कभी भी हो सकती है दुर्घटना

जबलपुर । बरगी बांध विस्थापित गांव बीजासेन तहसील घुंसौर, जिला सिवनी, बीजासेन से तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाला प्रतापगढ़ पुल से जान का खतरा उठाकर यहां के रहवासियों को निकलना पड़ता है। यहां पर ज्यादातर लोग बरगी बांध के विस्थापित बसे हुए हैं। जिन्हें यदि इलाज करवाने या अन्य कामकाज के लिए तहसील मुख्यालय जाना हो तो इस पुल से होकर जाना उनकी मजबूरी है। एक तरफ देश को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इन सड़कों पर बैलगाड़ी चलना भी मुनासिब नहीं। अगर गांव वालों को शासकीय उचित मूल्य की दुकान जाना हो तो करीब 7 किलोमीटर पानी से रास्ता तय करना पड़ता है।जो जोखिम भरा होता है। यहां के बच्चों को शिक्षा नसीब नहीं हो पा रही है। अगर हाई स्कूल की शिक्षा लेना है तो 5 से 7 किलोमीटर पानी का रास्ता तय करना पड़ता है। ये विकास है उन परिवारों का जिन्होंने बरगी परियोजना में अपना सब कुछ लुटा दिया और खुद बरगी जलाशय के इर्द-गिर्द पहाड़ियों और वन भूमि में बसने को मजबूर हैं और कीड़े मकोड़े का जीवन जी रहे हैं, जिन की सुध लेने वाला कोई नहीं।

ईश्वर को मनाते हैं कि अस्पताल पहुंचते तक सांसें चलती रहें

लोग ईश्वर को मनाते हैं की अस्पताल पहुंचते-पहुंचते पीड़ित की सांस चलती रहे। ये गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं को महरूम है, ना पढ़ने के लिए स्कूल न चिकित्सा के कोई साधन इस गांव में उपलब्ध हैं। सरकारी रिकॉर्ड में बीजासेन गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दर्ज है, लेकिन हकीकत यह है कि इस गांव में आज तक अस्पताल की बिल्डिंग नहीं बनी है। सरकार कहती है ना मायके में ना ससुराल में बच्चा हो शासकीय अस्पताल में जब अस्पताल पहुंचने के लिए कोई साधन ही नहीं रास्ता ही नहीं तो फिर बच्चा कैसे हो अस्पताल में।

सरकार चाहे तो समाप्त हो सकती है समस्याएं

बरगी बांध नर्मदा नदी पर बना विशाल बांध है, इससे 400000 हेक्टर से अधिक भूमि की सिंचाई होती है। इसके साथ 105 मेगा वाट विद्युत उत्पादन भी होता है, बिजली और सिंचाई के अलावा 325 टन मछली का उत्पादन इसी बांध से होता है। जबलपुर शहर में 127 एमडीजी पेयजल आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा पर्यटन से भी अच्छा खासा राजस्व सरकार को प्राप्त होता है। लेकिन विस्थापित परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है। विस्थापितों का कहना है कि इससे मिलने वाले राजस्व से अगर थोड़ा भी उनके लिए खोल दिया जाता तो उनकी समस्याओं का हल हो सकता है। बरगी बांध विस्थापित गांव बीजासेन जिला सिवनी जिला मुख्यालय से लेकर मध्य प्रदेश सरकारों को अपनी समस्याओं से अवगत कराता रहा है, जिन विस्थापित गांवो का कोई विकल्प नहीं है। उन विस्थापितों गांवो का जल्द से जल्द आर्थिक पुनर्वास किया जाए।

कलेक्टर से नहीं मिल पाया पक्ष

इस बारे में कलेक्टर सिवनी राहुल फटिंग से कई बार संपर्क का प्रयास किया गया मगर उनका मोबाइल नहीं उठा। जिसके कारण समस्या का प्रशासनिक पक्ष प्राप्त नहीं हो पाया।