क्यूबिज्म व फॉविज्म शैली की पेंटिंग्स खासतौर पर की जा रही पसंद

क्यूबिज्म व फॉविज्म शैली की पेंटिंग्स खासतौर पर की जा रही पसंद

 दिल्ली के पांच सितारा होटल शेरेटन में कुछ दिनों पहले आयोजित एक कला प्रदर्शनी ‘कलर्स आॅफ लव’ में प्रतिभाशाली कलाकार पीयूष माथुर की कलाकृतियों को जिसने भी देखा वह एक तरह के सम्मोहन में बंध गया। पीयूष की अ न् ा ो ख ी चित्रकारिता शैली एवं रंगों के जीवंत उपयोग ने ना सिर्फ़ दर्शकों, बल्कि आलोचकों को भी बहुत प्रभावित किया। भोपाल में जन्मे पीयूष माथुर वर्तमान में दिल्ली में निवासरत हैं। आई एम भोपाल ने बातचीत में उनकी कला यात्रा के बारे में उनसे खास बात की। उन्हें हाल में ही कैमलिन और आर्ट ग्रूव्स द्वारा मुंबई में आयोजित ज्यूरीड प्रतिस्पर्धा में फिगरेटिव केटेगरी में प्रथम पुरस्कार मिला है। पीयूष ने बताया कि मैं बचपन से ही पेंटिंग करता रहा हूं। मुझे इसकी प्रेरणा मेरी मां वीरा माथुर से मिली जो कि फाईन आर्ट्स में एमए हैं और स्वयं भी एक बहुत अच्छी चित्रकार रही हैं। हालांकि व्यावसायिक व्यस्तता के चलते लगभग 30 साल तक मैं पेंटिंग से दूर रहा परंतु अपने इस पैशन को विगत कुछ वर्षों से पुन: जीवित करके मैं बहुत ही खुश हूं। मेरे लिए कला का सृजन पैशन या प्रोफेशन से कहीं आगे है। ये मेडिटेशन की तरह है, जहां आप सांसारिक आकर्षणों से बेखबर हो जाते हैं। मेरा घर में एक स्टूडियो है जिसमें मैंने पिछले दो साल में 40 से अधिक पेंटिंग बनाईं हैं। मुझे लगता है कि ल़ॉकडाउन का समय मुझे वापस रंगों और कैनवास की तरफ ले जाने में मददगार रहा। अब जब भी समय मिलता है पेंटिंग करता हूं जो कि बहुत सराही जाती हैं व सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें पसंद करने वाले खरीदते भी हैं। अधिकतर फिगरेटिव व सेमी- एब्सट्रैक्ट पेंटिंग्स पर काम कर रहा हूं। इनमें कभी आपको कंटेंपरेरी और कभी माडर्न आर्ट की झलक मिलेगी। मैं अपने आसपास की चीजों एवं लोगों से प्रेरणा और सौंदर्य ग्रहण करता हूं। मेरा मानना है कि एक कलाकार होने का मतलब जीवन के रंग और भावों को फिर से वैसा ही रच देना है, जैसा आप देखते हैं और इसकी परिकल्पना करते हैं।

घर की भव्यता बढ़ाती हैं पेंटिंग

हालांकि मेरी हाल की कलाकृतियां क्यूबिज्म तथा फॉविज्म पोर्ट्रेट्स रही हैं। फॉविज्म में जहां एक ही रंग के कई शेड्स के साथ पेंटिंग बनाई जाती है, वहीं क्यूबिज्म में फिगर वर्क ज्योमेट्रिकल व एंगल्स में होता है। मैं ऐसी पेंटिंग्स में रुचि रखता हूं जिन्हें लोग अपने घर की दीवारों पर सजाना पसंद करते हैं। मेरा मानना है। कि हर व्यक्ति के लिए उसका घर अत्यधिक पवित्र जगह होता है और यदि कोई आपकी पेंटिंग को अपने घर में स्थान देता है और वह वहां की भव्यता बढ़ाती है तो ये मेरे लिए सम्मान की बात है।