रिश्वत में हवाई जहाज लेने वाला डीजीसीए का कैप्टन अनिल गिल निलंबित

नागरिक उड्डयन मंत्रालय का सबसे बड़ा घोटाला

रिश्वत में हवाई जहाज लेने वाला डीजीसीए का कैप्टन अनिल गिल निलंबित

नई दिल्ली फ्लाइंग स्कूलों से रिश्वत के रूप में ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट लेने वाले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन अनिल गिल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इन आरोपों के सामने आने के बाद पिछले माह कैप्टन गिल को डीजीसीए में एयरोस्पोर्ट्स निदेशालय में डायरेक्टर के रूप में शिफ्ट कर दिया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान में कहा, कदाचार के प्रति कतई न सहन करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति है। ऐसे किसी भी मुद्दे से हमेशा कानून के अनुसार कठोरतम तरीके से निपटा जाएगा। बुधवार को जारी एक आदेश में उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि कैप्टन गिल नई दिल्ली में रहेंगे तथा बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। यदि जांच में ये आरोप सही पाए जाते हैं तो डीजीसीए में हाल ही के वर्षों का यह सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। गुमनाम शिकायत से सामने आया मामला एक व्हिसिलब्लोअर ने 25 अक्टूबर को एक गुमनाम शिकायत में आरोप लगाया था कि कई वर्षों से फ्लाइंग ट्रेनिंग निदेशालय के मुखिया के रूप मे पदस्थ गिल फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन्स से रिश्वत के रूप में अपने से जुड़ी कंपनियों को मामूली कीमत पर ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट दिलवाते हैं। बाद में इन प्रशिक्षु विमानों को कुछ अन्य फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन्स को किराए पर दिया जाता है। इस शिकायत की जांच चल रही है। आरोप है कि गिल जिन कंपनियों के माध्यम से रिश्वत लेते हैं उनमें उनकी भाभी, चाची, भतीजे एवं साले डायरेक्टर हैं। अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का विचार विमानन नियामक भ्रष्टाचार के आरोपों पर गिल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने पर विचार कर रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच, उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच पूरी हो गई और रिपोर्ट हाल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपी गई।