यंत्रीकरण घोटाला: विभाग ने तीन साल में योजना में खरीदी के बिल जिलों से मंगाएं

यंत्रीकरण घोटाला: विभाग ने तीन साल में योजना में खरीदी के बिल जिलों से मंगाएं

भोपाल। उद्यानिकी विभाग ने प्रदेशभर के जिला अधिकारियों से बीते तीन साल में यंत्रीकरण योजना के तहत की गई खरीदी के बिल सहित रिकार्ड हर हाल में 10 अगस्त तक मंगाया गया हैं। गौरतलब है कि पीपुल्स समाचार ने उद्यानिकी विभाग की यंत्रीकरण योजना में घोटाले की खबर को 6 अगस्त 2020 को ‘जिस कंपनी का न ऑफिस न सर्विस सेंटर उसे दिया डायरेक्ट सप्लाई ऑर्डर’ शीर्षक से प्रकाशित की थी। जानकारी के अनुसार, उद्यानिकी विभाग ने प्रदेश के 22 आदिवासी जिलों के जिला उद्यानिकी अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि अगर 11 अगस्त तक खरीदी संबंधी रिकॉर्ड मुख्यालय में विशेष वाहक से नहीं पहुंचाया तो विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरु कर दी जाएगी। संयुक्त संचालक के इस कडे पत्र के बाद जिलों में हड़कंप मच गया है।

यह है घोटाला

उद्यानिकी विभाग ने करीब 100 करोड़ रुपए के डायरेक्ट सप्लाई ऑर्डर ऐसी कंपनी को देकर आनन-फानन में भुगतान भी कर दिया, जिसका मध्यप्रदेश में न तो ऑफिस है और न ही सर्विस सेंटर। बावजूद वर्ष 2017 से लेकर 2020 तक डायरेक्ट ऑर्डर देकर करोड़ों रुपए की खरीदी बिना जीएसटी चुकाए होती रही। इस गड़बड़ी को तत्कालीन एसीएस इकबाल सिंह बैस ने पकड़ा और तत्काल रोकते हुए सप्लाई को एमपी एग्रो के माध्यम से करने के निर्देश दिए थे। हालांकि बाद में बैंस के मुख्य सचिव बन जाने से इसकी जांच दबा दी गई थी।