वेरायटी फूड के लिए बच्चों पर न डालें प्रेशर उनकी पसंद का हेल्दी खाना खिलाते रहें

वेरायटी फूड के लिए बच्चों पर न डालें प्रेशर उनकी पसंद का हेल्दी खाना खिलाते रहें

I AM BHOPAL ।    पूरे देश में 1 से 7 सितंबर तक नेशनल न्यूट्रीशन वीक मनाया जाता है। जिसकी शुरूआत सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज ने भी की।कोरोना के साथ ही लोगों ने अपनी इम्युनिटी बूस्ट करने डाइट पर खास ध्यान देना शुरू कर दिया है लेकिन पोषण को लेकर बच्चों पर बात थोड़ी कम हुई है। न्यूट्रीशनिस्ट का मानना है कि बच्चों की डाइट को लेकर पेरेंट्स खास चिंतित रहते हैं, क्योंकि जागरूक अभिभावक वैराइटी फूड बच्चों को देना चाहते हैं, जिससे बच्चे इंकार कर देते हैं, इसे लेकर उनका कहना है कि बच्चों के साथ ज्यादा प्रयोग न करें न क्योंकि अलग-अलग तरह का खाना खिलाकर पोषण देने के फेर में बच्चों की डाइट ही कम हो जाती है, इसलिए यदि वे एक या दो तरह की हरी सब्जियां या फल रिपीट करते हैं तो ऐसा करने दें ताकि बच्चों को पर्याप्त पोषण मिलता रहे। इसके लिए सिटी के डायटीशियन एंड न्यूट्रीशनिस्ट्स का कहना है कि आठ पाइंट बढ़ते बच्चों की डाइट के लिए अहम है, जिसे उन्होंने आई एम भोपाल के साथ शेयर किया, जिसमें वर्किंग मदर्स को भी आसानी रहेगी। न्यूट्रीशनिस्ट निधि पांडे बता रही हैं, ऐसे अहम टिप्स। 

 सनलाइट  भी  है  न्यूट्रीशन

अक्सर लोग खाने-पीने की चीजों को ही पोषण की श्रेणी में गिनते हैं, जबकि पहला पोषण हमें सुबह सनलाइट से मिलता है। यह है सनशाइन विटामिन डी, जिसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। बच्चों को सुबह की धूप में जरूर भेजें क्योंकि इन दिनों वे स्कूल भी जा रहे स्पोर्ट्स पीरियड मिस हो रहा है, जिससे यह विटामिन उनको नहीं मिल पा रहा। 

सेचुरेटेड फैट दें बच्चों को

व्हाइट या पॉश्चराइज्ड जैसा बटर जो उपलब्ध हो, व बच्चों को खाने में ब्रेड के साथ या जैसा वे पसंद कर दें। शुद्ध घी का इस्तेमाल खाने में जरूर करें क्योंकि इससे बच्चो को सेचुरेटेड फैट मिलता है, लेकिन नमक के अलावा मक्खन में कुछ और न मिला हो। गड़ व आंवले का मुरब्बा बच्चों को जरूर दें।

 रसगुल्ला या रसमलाई दें

बच्चों का मीठा खाने का मन हो तो उन्हें रसगुल्ता या रसमलाई दें। यह छेना का बना होता है तो यह डाइजेशन व प्रोटीन के लिए अच्छा रहता है, लेकिन चाशनी से निचोड़कर दें। कोशिश करें कि यह घर में बना हो, बाजार का हो तो फ्रेश लें।

  दूध न पीए  तो दही दें

कई पेरेंट्स परेशान रहते हैं कि बच्चा दूध नहीं पीता। दूध की जगह बच्चों को एक कटोरी दही दें। जैसा वो चाहें मीठा या नमकीन क्योंकि यह दूध की कमी पूरी करता है और इसमें प्रोटीन होता है। इसके अलावा पनीर पराठा या पनीर की सब्जी भी डाइट में शामिल करें।

 दाल-चावल हर दिन दें

पेरेंट्स बच्चों को दाल-चावल कम से कम एक बार जरूर दें क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है। यह काबोर्हाइट्रेड व प्रोटीन का बेस्ट कॉम्बिनेशन है। बच्चों के लिए दाल-चावल खाना जरूरी है। जो दाल बच्चे पसंद करें वही दाल उन्हें खाने दें।

 हर दिन एक फल

बच्चों को हर दिन दोपहर में कम से कम एक फल जरूर दें ताकि एंटी आॅक्सीडेंट उनको मिलते रहे। केला रेगुलर दिया जा सकता है। इसके अलावा जो फल बच्चा पसंद करें।

सब्जिया खिलाने का दवाब बनाएं ...

 पेरेंट्स बच्चों के हित में उन्हें अलग-अलग सब्जियां खिलाने की कोशिश करते हैं, जिससे बच्चे नाराज या नापसंद होने के कारण खाना ही कम खाते हैं। बच्चे की डाइट कम हो इससे बेहतर है कि जो हरी सब्जी उन्हें पसंद है, वहीं रिपीट करते रहें। कम से कम वे सब्जी तो खाएंगे। कई बच्चे भिंडी की सब्जी पसंद करते तो उन्हें वही खाने दें। 

ग्रोथ हार्मोन के लिए 

बच्चों की नींद के दो घंटे बाद कई तरह के ग्रोथ हार्मोंस का सिक्रेशन होता है लेकिन बच्चे आजकल देर से सोते हैं, जिससे यह हार्मोन का सिक्रेशन सही समय पर नहीं हो पाता। इसलिए बच्चों को खेलने कूदने दें ताकि वे 8 बजे तक खाना खाकर 9.30 बजे तक सोने चले जाएं।